nayaindia Sandeshkhali Case संदेशखाली पर हाईकोर्ट सख्त

संदेशखाली पर हाईकोर्ट सख्त

Centre Vs South state
Bhojshala premises

कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने उत्तरी 24 परगना जिले के संदशखाली में महिलाओं के साथ हुई कथित हिंसा को लेकर राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने बेहद सख्त रुख दिखाते हुए कहा है- अगर इस मामले में एक परसेंट भी सच्चाई है तो यह शर्मनाक है। पूरा प्रशासन और सत्तारूढ़ पार्टी इसके लिए नैतिक तौर पर सौ फीसदी जिम्मेदार है।

यह लोगों की सुरक्षा का मामला है। यह टिप्पणी हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के बेंच ने की। गौरतलब है कि संदेशखाली के तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख को महिलाओं से कथित यौन दुर्व्यवहार से लेकर ईडी की टीम पर हमले तक के मामले में गिरफ्तार किया गया है।

संदेशखाली मामले के मुख्य आरोपी शाहजहां शेख के खिलाफ पांच जनहित याचिकाओं पर गुरुवार को चीफ जस्टिस टीएस शिवज्ञानम और जस्टिस हिरण्मय भट्टाचार्य की बेंच ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा- मान लीजिए कि एक भी हलफनामा सही है तो यह शर्मनाक है। पूरा प्रशासन और सत्तारूढ़ पार्टी इसके लिए नैतिक तौर पर सौ फीसदी जिम्मेदार है। यह लोगों की सुरक्षा का मामला है। आप एससी, एसटी नेशनल कमीशन की रिपोर्ट देखेंगे तो उसमें अगर एक फीसदी भी सच है तो ये सौ फीसदी शर्मनाक है। उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल महिला सुरक्षा के मामले में एनसीआरबी का डेटा भी दिखाता है।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं से यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपी तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख को बंगाल पुलिस ने 29 फरवरी को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद पुलिस ने उसे सीबीआई को सौंप दिया था। आरोप लगने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने उसे पार्टी से निकाल दिया।

बहरहाल, अदालत में दायक जनहित याचिकाओं में से एक याचिककर्ता के वकील ने कहा कि इस मामले में गवाहों को सुरक्षा दी जाए। उन्होंने दावा किया कि सुरक्षा कारणों से कोई भी महिला अदालत में गवाही देने के लिए आगे नहीं आई। एक अन्य याचिकाकर्ता की वकील प्रियंका टिबरेवाल ने कहा- ज्यादातर महिलाएं अनपढ़ हैं। ईमेल तो भूल जाइए, वो खत भी नहीं लिख सकती हैं। हमारे पास पांच सौ से ज्यादा महिलाओं के यौन उत्पीड़न की शिकायत है। उन्होंने कहा- हमारे पास हलफनामा हैं, जिनमें कहा गया है कि केवल एक शाहजहां गिरफ्तार हुआ है। उसके एक हजार साथी गांव में घूम रहे हैं और शाहजहां के खिलाफ बयानबाजी ना करने के लिए धमका रहे हैं।

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से पेश वकील किशोर दत्ता ने केंद्रीय जांच एजेंसियों की जांच के तरीके पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा- अगर कोर्ट आदेश दे तो हम एक जनहित याचिका दायर कर सकते हैं कि पिछले 10 सालों में सीबीआई जांच के क्या नतीजे निकले और उन केसेस का अब तक क्या हुआ?

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