nayaindia opposition wrote a letter to pm विपक्षका पीएम को साझा आरोपपत्र

विपक्षका पीएम को साझा आरोपपत्र

हैदराबाद। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, के चंद्रशेखर राव समेत नौ विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संयुक्त रूप से पत्र लिखा है। आरोप लगाया कि विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों का ‘खुल्लम खुल्ला दुरुपयोग’ कर रहे है।

विपक्ष केसाझा पत्र पर तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस (जम्मू-कश्मीर) के नेता फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता उद्धव ठाकरे और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने हस्ताक्षर किए हैं।

पत्र में कहा गया, विपक्ष के सदस्यों के खिलाफ विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों का खुल्लम-खुल्ला दुरुपयोग यह दर्शाता है कि हम लोकतंत्र से निरंकुशता में आ गए हैं। चुनावी मैदान के बाहर बदला लेने के लिए केंद्रीय एजेंसी और राज्यपाल जैसे संवैधानिक पदों का दुरुपयोग घोर निंदनीय है क्योंकि यह हमारे लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है।

तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना के राज्यपालों और दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर इशारा करते हुए इन नेताओं ने इन कार्यालयों पर संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन करने और अक्सर राज्य के शासन में बाधा डालने का आरोप लगाया। उन्होंने असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेताओं शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय का उदाहरण देते हुए दावा किया कि जांच एजेंसी भाजपा में शामिल हुए पूर्व विपक्षी नेताओं के खिलाफ मामलों में धीमी गति से काम करती हैं।

अरविंद केजरीवाल ने पत्रकारों से बताया कि इस वक्त प्रधानमंत्री की कार्यशैली यह है कि अगर देश के किसी भी राज्य में भाजपा के अलावा किसी दूसरे दल की सरकार है, तो वे उस सरकार को काम नहीं करने देंगे। यह बहुत खतरनाक है। चुनाव में हम आपस में लड़ें, लेकिन चुनाव के बाद यदि किसी राज्य में एक बार सरकार बन जाती है तो उस सरकार को पूरी तरह से मदद देने की जिम्मेदारी, उसके साथ खड़े होने और सरकार को अच्छा काम करने में मदद करने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की होती है।

इसके विपरीत हमारे देश के प्रधानमंत्री ने ठान लिया है कि अगर भाजपा को वोट नहीं दोगे और लोगों ने दूसरी पार्टी की सरकार बनई तो उस सरकार को किसी भी हाल में काम नहीं करने देंगे। प्रधानमंत्री उसके सारे नेताओं के ऊपर ईडी-सीबीआई छोड़ देते हैं। उनको गिरफ्तार कर लेते हैं, उनको तरह-तरह से प्रताड़ित करते हैं, उनको परेशान करते हैं और उनकी पार्टी तोड़ कर सरकार गिरा देते हैं।

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