विपक्ष को समझने का मौका!
कांग्रेस ने ढर्रे पर चुनाव लड़ा। कांग्रेस मुख्यालय एआईसीसी ने भूपेश बघेल, अशोक गहलोत, कमलनाथ को चुनाव लड़ने का ठेका दिया। इन नेताओं ने फिर सर्वे-मार्केटिंग कंपनियों को ठेका दिया। इन सबने अरविंद केजरीवाल तथा नरेंद्र मोदी की रेवड़ियों की नकल पर गारंटियां बनाईं। राहुल गांधी ने पिछड़ों की राजनीति, जाति जनगणना के एक जुमले से कांग्रेस की आत्मघाती नई आईडेंटिटी बनाई। यह आत्मविश्वास पाला कि इसके बूते कांग्रेस अकेले चुनाव जीत लेगी। अंत में नतीजा? कांग्रेस चारों खाने चित है। न कांग्रेस को समझ आ रहा है और न इंडिया एलायंस को कि आगे कैसे लोकसभा चुनाव लड़े? उस...