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16-06-2025 Vol 19

भ्रष्टाचार से लड़ने में सीबीआई को खुली छूट: नरेन्द्र मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने भ्रष्टाचार (corruption) को लोकतंत्र एवं न्याय का शत्रु तथा गरीबी एवं अपराध का मूल बताते हुए केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई CBI) को आज स्पष्ट संदेश दिया किया कि भ्रष्टाचार के समूल नाश के लिए देश में पूर्ण राजनीतिक इच्छाशक्ति है और सीबीआई को हिचकने की जरूरत नहीं है।

श्री मोदी ने आज यहां विज्ञान भवन में सीबीआई के हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही। समारोह में प्रधानमंत्री कार्यालय में कार्मिक, प्रशिक्षण एवं जनशिकायत राज्य मंत्री डॉ जितेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल एवं कैबिनेट सचिव राजीव गौबा भी उपस्थित थे। इस मौके पर सीबीआई के मामलों से जुड़े उच्चतम न्यायालय का संग्रह भी जारी किया गया।

श्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देश की प्रीमियम इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के रूप में 60 वर्ष का सफर सीबीआई ने पूरा किया है। ये छह दशक निश्चित रूप से अनेक उपलब्धियों के रहे हैं। सीबीआई ने अपने काम से, अपने कौशल से सामान्यजन को एक विश्वास दिया है। उन्होंने कहा, “आज भी जब किसी को लगता है कि कोई केस असाध्य है तो आवाज उठती है कि मामला सीबीआई को दे देना चाहिए। लोग आंदोलन करते हैं कि केस उनसे लेकर सीबीआई को दे दो। यहां तक कि पंचातय स्तर पर भी कोई मामला आता है तो लोग कहते हैं कि इसे सीबीआई को दे देना चाहिए।”

श्री मोदी ने कहा कि न्याय के, इंसाफ के एक ब्रांड के रूप में सीबीआई हर जुबान पर है। अपनी कार्यप्रणाली, कार्यकुशलता और क्षमताओं से सीबीआई ने लोगों में अपने प्रति गहरी आस्था का भाव जगाया है। सीबीआई सत्य, न्याय के ब्रांड के रूप में उभरी है। आम लोगों से इस हद तक आस्था और विश्वास जीतना कोई साधारण बात नहीं है।

उन्होंने कहा कि पिछले छह दशक में सीबीआई ने बहुआयामी और बहुक्षेत्रीय जांच एजेंसी के तौर पर अपनी पहचान बनाई है, आज सीबीआई का दायरा बहुत बड़ा हो चुका है। महानगर से लेकर जंगल तक सीबीआई को दौड़ना पड़ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, मुख्य रूप से सीबीआई की जिम्मेदारी भ्रष्टाचार से देश को मुक्त करने की है। भ्रष्टाचार कोई सामान्य अपराध नहीं होता। भ्रष्टाचार, गरीब से उसका हक छीनता है, अनेक अपराधों को जन्म देता है। भ्रष्टाचार, लोकतंत्र और न्याय के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा होता है। उन्होंने कहा कि जहां भ्रष्टाचार होता है, वहां युवाओं को उचित अवसर नहीं मिलते। वहां सिर्फ एक विशेष ईकोसिस्टम ही फलता-फूलता है। भ्रष्टाचार प्रतिभा का सबसे बड़ा दुश्मन होता है और यहीं से भाई-भतीजावाद, परिवारवाद को बल मिलता है। जब भाई-भतीजावाद और परिवारवाद बढ़ता है, तो समाज का, राष्ट्र का सामर्थ्य कम होता है। जब राष्ट्र का सामर्थ्य कम होता है तो विकास प्रभावित होता है।

उन्होंने कहा कि साल 2014 के बाद हमारा पहला दायित्व, व्यवस्था में भरोसे को फिर कायम करने का रहा। इसलिए हमने काले धन को लेकर, बेनामी संपत्ति को लेकर मिशन मोड पर एक्शन शुरु किया। उन्होंने कहा, आज हम इंटरनेट बैंकिंग की बात करते हैं, यूपीआई से रिकॉर्ड ट्रांजेक्शन की बात करते हैं। लेकिन हमने 2014 से पहले बैंकिंग वाला दौर भी देखा है। ये वह दौर था, जब दिल्ली में प्रभावशाली राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों के फोन पर हजारों करोड़ रुपए के लोन मिला करते थे। जिसने हमारी अर्थव्यवस्था के आधार… हमारे बैंकिंग सिस्टम को बर्बाद कर दिया था। बीते वर्षों में हम बहुत मेहनत करके अपने बैकिंग सेक्टर को मुश्किलों से बाहर निकाल कर लाए हैं।

श्री मोदी ने कहा, भ्रष्टाचारियों ने देश का खजाना लूटने का एक और तरीका बना रखा था जो दशकों से चला आ रहा था। ये था, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से लूट। आज जनधन, आधार, मोबाइल की ट्रिनिटी से हर लाभार्थी को उसका पूरा हक मिल रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र में अविश्वास और नीतिगत पक्षाघात का समय था। लेकिन 2014 से, हमारा प्राथमिक लक्ष्य व्यवस्था में लोगों के विश्वास को बहाल करना, पोषण करना और मजबूत करना रहा है। हमने तत्कालीन काले धन के जमाखोरों के खिलाफ, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ, भ्रष्टाचार के मूल कारणों के खिलाफ एक्शन मोड में काम किया। हमने सिस्टम में अत्यधिक पारदर्शिता सुनिश्चित की, और 2जी और 5जी स्पेक्ट्रम के आवंटन की प्रक्रिया इस बात का बहुत प्रमाण है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति में कोई कमी नहीं है। आपको कहीं भी हिचकने, कहीं रूकने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे भारत की आर्थिक शक्ति बढ़ रही है, अड़चने पैदा करने वाले भी बढ़ रहे हैं। भारत के सामाजिक ताने-बाने पर, हमारी एकता और भाई-चारे पर, हमारे आर्थिक हितों पर और हमारे संस्थानों पर भी नित्य प्रहार बढ़ते चले जा रहे हैं और इसमें जाहिर तौर पर भ्रष्टाचार का पैसा लगता है। इसलिए हमें अपराध और भ्रष्टाचार के बहुपक्षीय स्वभाव को समझना होगा और उसके मूल कारण तक पहुंचना होगा।

श्री मोदी ने कहा कि यह सच है कि आधुनिक तकनीकों के कारण आज अपराध वैश्विक होते जा रहे हैं। लेकिन यह भी सच है कि ये प्रौद्योगिकियां ही इन मुद्दों का समाधान दे सकती हैं। हमें जांच में फोरेंसिक विज्ञान के उपयोग को और तेज करने की जरूरत है। हमें साइबर अपराधों से निपटने के लिए नवोन्मेषी तरीके खोजने होंगे। तकनीक-सक्षम उद्यमियों और युवाओं की इसमें बड़ी भूमिका है। (वार्ता)

NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

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