नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (Supreme court) ने मंगलवार को कहा कि ओडिशा प्रशासनिक न्यायाधिकरण (Odisha Administrative Tribunal) को समाप्त करना संवैधानिक रूप से वैध था। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने न्यायाधिकरण बार संघ द्वारा इस फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। पीठ ने कहा, हम ओडिशा प्रशासनिक न्यायाधिकरण (ओएटी) को खत्म करने को संवैधानिक रूप से वैध करार देते हैं। अनुच्छेद 323ए (प्रशासनिक अधिकरण से निपटना) भारत संघ को प्रशासनिक न्यायाधिकरणों को खत्म करने से नहीं रोकता। न्यायाधिकरण को खत्म करने का फैसला संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन नहीं करता है।
शीर्ष अदालत ओडिशा प्रशासनिक न्यायाधिकरण बार एसोसिएशन द्वारा उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें ओएटी को निरस्त करने संबंधी केंद्र सरकार के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की दो अगस्त, 2019 की अधिसूचना को बरकरार रखा गया था। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि राज्य सरकार के इस दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए पर्याप्त सामग्री है कि ओएटी ने वादियों को त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य की पूर्ति नहीं की है। (भाषा)