पटना। बिहार की राजधानी की सड़कें मंगलवार को पोस्टरों से पटी हुई नजर आईं, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी (Samrat Chowdhary) को मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया गया है। सम्राट चौधरी को पिछले सप्ताह ही भाजपा की प्रदेश इकाई का प्रमुख नियुक्त किया गया था। पोस्टर पर लिखा है, ‘बिहार का योगी आ गया है’ (‘Bihar KaYogi’) और इस पर चौधरी की एक बड़ी तस्वीर लगी है।
राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन ने पोस्टर राजनीति पर कहा कि क्या बिहार में भाजपा ने उन नेताओं को छोड़ दिया है जिन्होंने लंबे समय तक पार्टी की सेवा की और अब वे चौधरी से उम्मीदें लगा रही है।
चौधरी करीब पांच साल पहले ही भाजपा से जुड़े हैं। जनता दल (यूनाइटेड) के विधान पार्षद एवं प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, ऐसा लगता है कि भाजपा नंद किशोर यादव, प्रेम कुमार और जनक राम जैसे लोगों को भूल गई है। ये सभी जद (यू) और भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री थे। ये सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) या दलित समुदाय से नाता रखते हैं।
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले चौधरी को राज्य इकाई प्रमुख के महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है। इन चुनाव के बाद राज्य में 2025 में विधानसभा चुनाव भी होंगे। इस कदम को भाजपा द्वारा कुशवाहा जाति के वोटों को काटने और महागठबंधन के पक्ष में ओबीसी के एकीकरण को विफल करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक अख्तरुल इस्लाम शाहीन ने कहा कि पोस्टर भाजपा के ‘राजनीतिक दिवालियेपन’ को दर्शाता है। शाहीन ने कहा, ‘ सम्राट चौधरी जब राजद में थे, तब उनका क्या कद था? वह पार्टी के 100 विधायकों में से एक थे। जद (यू) में जाने पर भी उनका यही कद था। बिहार में भाजपा का कोई नेतृत्व नहीं है और उसकी हताशा सभी देख सकते हैं।’
वहीं भाजपा के नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने पोस्टर पर प्रत्यक्ष रूप से कुछ कहने से मना कर दिया। प्रसाद ने कहा मुख्यमंत्री कौन होगा, इसका फैसला हम विधानसभा चुनाव जीतने के बाद करेंगे, जिसे हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता के कारण जरूर जीतेंगे।’
इस बीच, चौधरी राष्ट्रीय राजधानी में हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ शिष्टाचार मुलाकात की तस्वीरें ट्विटर पर साझा की हैं। प्रसाद ने प्रधानमंत्री मोदी को भगवद् गीता की एक प्रति भेंट की है। (भाषा)