लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पार्टी की नवगठित राष्ट्रीय कार्यकारिणी (National Executive) में कुछ नए नाम जोड़कर कार्यकर्ताओं के असंतोष को दूर करने का प्रयास किया।
अखिलेश ने अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में चार सवर्ण और एक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के नेता को शामिल किया है। यह कदम पार्टी के कुछ वर्गों में कार्यकारिणी में उच्च जातियों के कम प्रतिनिधित्व को लेकर कथित बातचीत के बीच आया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में ओम प्रकाश सिंह, अरविंद सिंह गोप, विनय तिवारी, नीरज सक्सेना और राम प्रसाद चौधरी को शामिल किया गया है। चौधरी एक गैर-यादव ओबीसी हैं, अन्य उच्च जाति के हिंदू हैं।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी का यह तीसरा विस्तार है। पहली बार 29 जनवरी को इसकी घोषणा की गई थी। मूल रूप से कार्यकारिणी में 62 सदस्य थे। उसी दिन इसे बढ़ाकर 64 कर दिया गया था और 69 सदस्य हो गए हैं। मूल रूप से कार्यकारिणी में 11 यादव, 10 मुस्लिम, 25 गैर-यादव ओबीसी, नौ ऊंची जातियां, छह दलित, एक अनुसूचित जनजाति और एक ईसाई सदस्य थे। अब सवर्ण सदस्यों की संख्या 13 हो गई है। विस्तार के बाद अब 26 गैर-यादव ओबीसी सदस्य हैं।
वरिष्ठ पार्टी नेता ओम प्रकाश सिंह ने कार्यकारिणी की घोषणा के तुरंत बाद अपनी ट्वीट कर अपनी नाराजगी प्रकट की थी। उन्होंने लिखा था, ये अलग बात है कि मैंने कभी जताया नहीं / मगर तू ये ना समझ की तूने दिल दुखाया नहीं। सिंह आम तौर पर मितभाषी नेता हैं, जो अपनी शिकायतों को खुले तौर पर व्यक्त करने के लिए नहीं जाने जाते हैं। उनके इस ट्वीट से पार्टी हलकों में खलबली मच गई और बढ़ती नाराजगी की सूचना सपा अध्यक्ष को दी गई। (आईएएनएस)