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पाकिस्तान और चीन पर बोले पीएम मोदी

ByNI Desk,
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी सात देशों की बैठक में हिस्सा लेने जापान के हिरोशिमा पहुंच गए हैं। वहा उन्होंने ‘निक्केई एशिया’ को दिए एक इंटरव्यू में पाकिस्तान और चीन के मसले पर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत सामान्य दोपक्षीय संबंध चाहता है लेकिन इसके लिए आतंकवाद से मुक्त एक अनुकूल माहौल बनाना होगा, जिसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान की है। चीन के साथ संबंधों को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है।

पाकिस्तान के बारे में पूछे गए सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य दोपक्षीय संबंध चाहता है। उन्होंने कहा- आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त एक अनुकूल वातावरण बनाना उनके लिए आवश्यक है। इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है। गौरतलब है कि भारत ने सीमा पार आतंकवाद को बार-बार पाकिस्तान से मिल रहे समर्थन पर चिंता जताई है और जोर देकर कहा है कि आतंक और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते।

प्रधानमंत्री मोदी ने इंटरव्यू के दौरान चीन के साथ संबंधों से जुड़े सवालों के जवाब भी दिए। साथ ही वैश्विक दक्षिण की आवाजों और चिंताओं को बढ़ाने के भारत के प्रयासों के बारे में भी बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि चीनी सेना की कार्रवाइयों के बाद 2020 की गर्मियों में पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ गतिरोध शुरू हुआ था। जून 2020 में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। हालांकि बातचीत के दौरान कुछ क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी हुई है लेकिन कुछ इलाके अभी भी ऐसे हैं, जिन्हें लेकर तनाव जारी है।

मोदी ने इंटरव्यू में कहा कि चीन के साथ सामान्य दोपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति आवश्यक है। उन्होंने कहा- भारत और चीन संबंधों के भविष्य का विकास केवल आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों पर आधारित हो सकता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन दो देशों के संबंधों से व्यापक क्षेत्र और दुनिया को लाभ होगा। गौरतलब है कि जी सात देशों के सम्मेलन में भारत को अतिथि देश के रूप में आमंत्रित किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी चौथी बार इस सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं।

रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की मध्यस्थ की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूक्रेन विवाद पर भारत की स्थिति स्पष्ट और अटूट है। उन्होंने कहा- भारत शांति के पक्ष में खड़ा है और दृढ़ता से रहेगा। हम उन लोगों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में चुनौतियों का सामना करते हैं, विशेष रूप से भोजन, ईंधन और उर्वरकों की बढ़ती कीमतों के कारण।

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