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राहुल के बयान पर विवाद

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका यात्रा के पहले तीन दिन में ही दो विवाद हो गए हैं। ताजा विवाद मुस्लिम लीग को लेकर दिए गए बयान पर है। राहुल गांधी ने वाशिंगटन के नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात करते हुए केरल की अपनी सहयोगी पार्टी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को पूरी तरह से सेकुलर पार्टी बताया। उनके इस बयान के बाद से भाजपा हमलावर है। भाजपा ने मुस्लिम लीग को जिन्ना की पार्टी बताते हुए कहा कि यह धार्मिक आधार पर देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार है।

राहुल के बयान के बाद भाजपा की आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विट किया- जिन्ना की मुस्लिम लीग, जो पार्टी धार्मिक आधार पर भारत के बंटवारे के लिए जिम्मेदार थी, वह राहुल के मुताबिक सेकुलर पार्टी है। वायनाड में स्वीकार्यता बनाए रखने के लिए यह उनके लिए जरूरी है। गौरतलब है कि राहुल केरल की मुस्लिम बहुल वायनाड सीट से सांसद थे। पिछले दिनों उनकी सदस्यता समाप्त की गई है।

असल में राहुल ने केरल की अपनी सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग को सेकुलर बताया था लेकिन भाजपा ने उसे आजादी से पहले वाली जिन्ना की पार्टी से जोड़ दिया। भाजपा की ओर से किए गए इस तोड़-मरोड़ का जवाब देते हुए कहा ने कहा कि मुस्लिम लीग जिन्ना की पार्टी थी, जिसके साथ भाजपा के पूर्वजों ने तालमेल किया था। गौरतलब है कि आजादी से पहले मुस्लिम लीग के साथ हिंदू महासभा ने तालमेल करके पश्चिम बंगाल में सरकार बनाई थी।

बहरहाल, राहुल गांधी ने गुरुवार को वाशिंगटन डीसी के नेशनल प्रेस क्लब में मीडिया से बात करते हुए कई मसलों पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा- विपक्ष एकजुट हो रहा है। हम सभी विपक्षी पार्टियों से बात कर रहे हैं। इस संबंध में काफी अच्छा काम हो रहा है। राहुल ने कहा- कई जगह ऐसी हैं, जहां हम विपक्ष के साथ मुकाबला कर रहे हैं। ऐसे में हमें कई मुद्दों पर एक राय बनानी होगी, लेकिन मुझे विश्वास है कि हम चुनाव में साथ जरूर आएंगे। अमेरिका में ही उन्होंने यह भी कहा कि 2024 में कांग्रेस सबको चौंकाएगी, आश्चर्यजनक नतीजे आएंगे।

राहुल ने लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के सवाल पर कहा- आजादी के बाद मानहानि के मामले में सबसे बड़ी सजा मुझे मिली है। मैंने संसद में अडानी को लेकर स्पीच दी थी, जिसकी वजह से मुझे डिस्क्वालिफाई कर दिया गया। रूस-यूक्रेन युद्ध के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार होती तो उसका भी रुख वही होता, जो भाजपा की सरकार का है। उन्होंने कहा कि रूस और भारत के बीच जो रिश्ता है, उसे नकारा नहीं जा सकता है। उन्होंने एक बार फिर कहा कि भारत में सारी संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। अमेरिकी पत्रकारों के बीच राहुल गांधी ने कहा- भारत में प्रेस की स्वतंत्रता कमजोर होती जा रही है और यह बात सभी जानते हैं। मुझे लगता है कि लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता और आलोचना को सुनना जरूरी है।

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