nayaindia Supreme Court CBI ED सीबीआई, ईडी पर सुप्रीम कोर्ट का तंज!

सीबीआई, ईडी पर सुप्रीम कोर्ट का तंज!

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बीआर गवई ने केंद्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई और ईडी को लेकर मजाक में ही सही वह बात कह दी, जो आजकल हर विपक्षी पार्टी का नेता कह रहा है। उत्पीड़न के मामले में यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी की अग्रिम जमानत की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस गवई ने मजाकिया लहजे में पूछा कि क्या उनके यहां अभी तक सीबीआई और ईडी नहीं पहुंचे हैं? गौरतलब है कि इन दिनों हर छोटे बड़े मामले में विपक्षी नेताओं के यहां केंद्रीय एजेंसियां जांच करने पहुंच जा रही है।

यूथ कांग्रेस की असम की पूर्व अध्यक्ष की ओर से श्रीनिवास के ऊपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए हैं, जिसमें राहत के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनको अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है। केस की सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई ने असम सरकार के वकील की दलीलें सुनीं। जस्टिस गवई ने इस बीच सीबीआई और ईडी को लेकर चुटकी भी ली।

जब एडिशनल सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने अपनी दलीलें शुरू कीं, तो पीठ ने उनसे पूछा कि क्या वे सीबीआई या ईडी के लिए पेश हो रहे हैं। एसवी राजू ने जवाब दिया कि वे असम राज्य के लिए उपस्थित हो रहे हैं। इस पर जस्टिस गवई ने पूछा- सीबीआई, ईडी अभी तक नहीं आए हैं? जस्टिस गवई के तंज के बाद एसवी राजू ने कहा कि मामले को राजनीति से प्रेरित नहीं कहा जा सकता, क्योंकि शिकायतकर्ता उसी पार्टी का सदस्य है।

उन्होंने कहा कि कई बार की नोटिस के बावजूद श्रीनिवास पुलिस के सामने पेश नहीं हो रहे हैं और राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा जारी नोटिस का भी जवाब नहीं दिया। राजू ने कहा- हमने उन्हें दूसरा नोटिस दिया है। उनका कहना है कि वह अस्वस्थ हैं। लगातार वे नोटिस का उल्लंघन कर रहे हैं। इस पर जस्टिस गवई ने 23 फरवरी को दिल्ली एयरपोर्ट पर असम पुलिस द्वारा कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी की ओर इशारा करते हुए कहा- यह आपकी प्रतिष्ठा के कारण हो सकता है। आपने एयरपोर्ट पर किसी को गिरफ्तार किया था।

बहरहाल, आदेश लिखे जाने के बाद, एसवी राजू ने मेरिट के बारे में कोई टिप्पणी नहीं करने का अनुरोध किया और कहा कि बिना कारण बताए अंतरिम सुरक्षा दी जाए। हालांकि, पीठ ने टिप्पणियों को हटाने से इनकार कर दिया, लेकिन स्पष्ट किया कि ये केवल अंतरिम राहत देने के उद्देश्य से की गई हैं। पीठ ने श्रीनिवास को 22 मई को जांच अधिकारी के सामने पेश होने और अधिकारी द्वारा निर्देश दिए जाने पर बाद की तारीखों में पेश होने को कहा है। उनसे जांच में सहयोग करने को कहा गया है। इस मामले पर अब जुलाई 2023 में विचार किया जाएगा।

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