नई दिल्ली। खजुराहो के वामन मंदिर में भगवान विष्णु की मूर्ति बदलने को लेकर की गई टिप्पणी पर चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सफाई दी है। उन्होंने गुरुवार को कहा, ‘मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया। मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं’। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 16 सितंबर को इस मंदिर की खंडित मूर्ति को बदलने के लिए दायर की गई राकेश दलाल की याचिका खारिज कर दी थी।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता से कहा था, ‘जाओ और भगवान से खुद करने को कहो। तुम कहते हो भगवान विष्णु के कट्टर भक्त हो, जाओ उनसे प्रार्थना करो’। इसे लेकर पिछले दो दिन से सोशल मीडिया में विवाद छिड़ा है और चीफ जस्टिस की टिप्पणी को हिंदू विरोधी बताया जा रहा है। इस पर गुरुवार को चीफ जस्टिस ने सफाई दी।
उनके साथ बेंच में शामिल जस्टिस के विनोद चंद्रन ने सोशल मीडिया को एंटी सोशल मीडिया कहा और बताया कि उन्हें भी ऑनलाइन गलत तरह से दिखाया गया है। याचिकाकर्ता के वकील संजय नूली ने भी कहा कि चीफ जस्टिस के बारे में सोशल मीडिया पर फैलाए गए बयान झूठे हैं। गुरुवार को अदालत में मौजूद सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, ‘मैं चीफ जस्टिस को 10 साल से जानता हूं। वे सभी धर्मस्थलों पर जाते हैं। आजकल सोशल मीडिया पर बातें बढ़ा चढ़ाकर दिखाई जाती हैं’।


