अयोध्या। राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर पहली बार मंगलवार को ध्वजारोहण होगा और इसके साथ ही मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोपहर 12 बजे एक भव्य समारोह में मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा फहराएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद सोशल मीडिया में एक पोस्ट के जरिए बताया कि वे मंगलवार की सुबह 10 बजे मंदिर में दर्शन पूजन करेंगे और उसके बाद ‘12 बजे श्री राम लला के पवित्र मंदिर के शिखर पर केसरिया ध्वज के विधिवत आरोहण के साक्षी’ बनेंगे।
मंदिर में धर्मध्वजा फहराने की तैयारियां कई दिनों से चल रही हैं। पूरी अयोध्या नगरी को फूलों से सजाया गया है। धर्मध्वजा के दंड पर सोना मढ़ा गया है। मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी मंदिर के 161 फीट ऊंचे शिखर पर पहली बार ध्वजा फहराएंगे। इससे पहले सोमवार को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत अयोध्या पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया। गौरतलब है कि मोहन भागवत राममंदिर के शिलान्यास और उद्घाटन दोनों कार्यक्रमों में शामिल रहे थे।
पताकारोहण कार्यक्रम से पहले राम जन्मभूमि और आसपास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हेलीकॉप्टर से पूरे इलाके की निगरानी की जा रही है। आतंकवाद निरोधक दस्ता यानी एटीएस और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड यानी एनएसजी के कमांडो पूरे मंदिर की सुरक्षा संभाल रहे हैं। इनके अलावा एसपीजी, सीआपीएफ और पीएसी के जवान भी तैनात हैं। मंदिर की सुरक्षा के लिए पांच स्तरीय व्यवस्था बनाई गई है।
राम मंदिर के पताकारोहण समारोह में उन एक सौ दानदाताओं को आमंत्रित किया गया है, जिन्होंने राम मंदिर के निर्माण में दो करोड़ रुपए से ज्यादा दान दिया था। हालांकि, शंकराचार्यों को इसमें नहीं बुलाया गया है। इससे पहले राम मंदिर ट्रस्ट ने आम लोगों से 25 नवंबर को रामलला के दर्शन के लिए नहीं आने की अपील की है। 23 नवंबर की रात से ही अयोध्या की तरफ ब़डी गाड़ियों के जाने पर रोक लगा दी गई है। यह व्यवस्था 26 नवंबर की आधी रात तक लागू रहेगा। नगर निगम की टीम मंदिर के आसपास के इलाकों खुले जानवरों को पकड़ कर हटा रही है।


