पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले दोनों गठबंधनों में सीट बंटवारे पर मंथन तेज हो गया है। एनडीए में सहयोगी पार्टियों के बीच रविवार को दिन भर बैठकों का दौर चला। भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और संगठन प्रभारी विनोद तावड़े ने उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के साथ तीन घटक दलों के नेताओं से मुलाकात की और सीट बंटवारे पर चर्चा की। केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी के साथ महज 15 मिनट की बातचीत हुई। बताया जा रहा है कि मांझी भाजपा की ओर से दिए सीटों के प्रस्ताव पर नाराज हो गए हैं।
बहरहाल, सीट बंटवारे पर मंथन का सिलसिला रविवार की सुबह शुरू हुआ, जब धर्मेंद्र प्रधान जनता दल यू के नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह से मिलने पहुंचे। इसके बाद प्रधान, तावड़े और सम्राट चौधरी सीट बंटवारे का फॉर्मूला लेकर जीतन राम मांझी के आवास पर पहुंचे। बताया जा रहा है कि मांझी को प्रस्ताव पसंद नहीं आया, जिससे वे नाराज हो गए और बातचीत से इनकार कर दिया। इसके बाद भाजपा नेता वहां से महज 15 मिनट में निकल गए। उन्होंने मीडिया से बात नहीं की। बाद में दिल्ली जाने से लिए निकले मांझी ने मीडिया से सिर्फ इतना कहा कि शिष्टाचार मुलाकात थी।
बाद में धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की। भाजपा नेताओं के साथ कुशवाहा की करीब आधे घंटे तक बैठक हुई। हालांकि बाद में किसी नेता ने मीडिया से बात नहीं की। परंतु जानकार सूत्रों का कहना है कि कुशवाहा ने 12 से 15 सीटों की मांग की। इसके बाद सीटों की संख्या पर बाद में बात करने का फैसला हुआ। गौरतलब है कि जीतन राम मांझी पहले ही 15 से 20 सीटों की मांग कर चुके हैं।