NDA

  • एनडीए में कुछ भी नहीं बदलेगा

    भाजपा की सहयोगी पार्टियों के नेता इस बात से खुश हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बात करने का तरीका बदल गया है। अब वे बीजेपी या मोदी की सरकार नहीं कहते हैं, बल्कि एनडीए की सरकार कहते हैं। यह सही बात है कि 10 साल बाद पहली बार ऐसा हो रहा है प्रधानमंत्री अब बात बात में मोदी सरकार की बात नहीं कर रहे हैं या किसी भी मामले में खुद अपने नाम का डंका नहीं बजा रहे हैं। लेकिन हकीकत यह है कि वास्तविक स्थिति में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। सब कुछ पहले की तरह...

  • आर्थिक सर्वेक्षण: चालू वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी 6.5-7% की दर से बढ़ेगी

    संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। इस सत्र में, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 22 जुलाई को संसद के दोनों सदनों में भारत का आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24, सांख्यिकीय परिशिष्ट के साथ पेश किया। वह 23 जुलाई को लोकसभा में 2024-25 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। एनडीए के लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए सत्ता में आने के बाद से यह मोदी सरकार का पहला बजट है। 2024 के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का बजट भी 23 जुलाई को पेश किया जाएगा। 31 मार्च को समाप्त होने वाले वर्ष के दौरान सरकार के वित्तीय...

  • उपचुनावों में ‘इंडिया’ की जीत

    नई दिल्ली। देश के सात राज्यों की 13 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को बड़ी सफलता मिली है। विपक्षी गठबंधन ने 13 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को सिर्फ दो सीटें मिली हैं। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई है। कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बड़ी कामयाबी मिली है तो ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में भाजपा की जीती हुई तीन सीटें छीन ली हैं। कांटे की टक्कर के बाद भाजपा हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में एक एक सीट जीत पाई है।...

  • राजनीतिक विभाजन कहां तक पहुंच गया

    भारत की राजनीति इतनी विभाजित कभी नहीं रही, जितनी अभी है। पार्टियां और नेता एक दूसरे को अब राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं मान रहे हैं, बल्कि शत्रु मान रहे हैं। एक समय था जब कहा जाता था कि सब नेता मिले होते हैं। लोग देखते भी थे कि संसद में या विधानसभाओं में या राजनीतिक कार्यक्रमों में एक दूसरे के खिलाफ आग उगलने वाले नेता निजी कार्यक्रमों में एक दूसरे के गले मिलते थे। राजनीति से इतर उनके आपस में अच्छे संबंध होते थे। पक्ष और विपक्ष के नेता आपस में मिलते जुलते थे, बातें करते थे। लेकिन अब यह परंपरा...

  • सिर्फ मोदी है तो ही मुमकिन है…

    लोगों का जीवन स्तर बेहतर बनाने का लक्ष्य तभी प्राप्त हो सकेगाजब सरकार आर्थिक सुधारों की गाड़ी को तेजी से आगे बढ़ाएगी। बैंकिंग से लेकर पूरी वित्तीय व्यवस्था में कई छोटे बड़े सुधारों की जरुरत है। इन सुधारों या ऐसे कहें कि नियमों को तर्कसंगत बनाने से कामकाज में सुगमता होगी, सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी और कारोबारियों व आम लोगों को भी राहत मिलेगी। कुछ जरूरी सुधार करने और नियमों को तर्कसंगत बनाने का सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि विवादों में कमी आएगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार का तीसरा कार्यकाल आरंभ हो गया है और...

  • नए कानून में पुलिस को और ताकत!

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  • मोदी ने डर फैलाया, कांग्रेस के पास है अभय मुद्रा: राहुल गांधी

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  • सियासी स्थिरता हुई पर जमीनी असंतोष का क्या करेंगे?

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  • बहुत कुछ पहली बार हो रहा है

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  • सरकार नहीं विपक्ष बढ़ा रहा है टकराव

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  • आर-पार के संग्राम की अवतरणिका

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  • संसद से भी मैसेज

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  • संसद के बाहर गठबंधन की चुनौती

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  • विपक्ष का चेहरा खिला-खिला रहेगा?

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  • सच्चे संघवाद की समझ कब होगी?

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  • अखाड़ा न बन जाए इस बार संसद

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  • विपक्ष का संसद परिसर में प्रदर्शन

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  • नई शुरुआत सकारात्मक होनी चाहिए

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  • नरेंद्र मोदी का झोला !

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  • बिहार का सिरदर्द बड़ा

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