नई दिल्ली। पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर हमले के बाद सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरे अभियान की जानकारी दी। उन्होंने उन सभी नौ ठिकानों के बारे में बताया, जिनको वायु सेना ने नष्ट किया है। कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहाः मंगलवार-बुधवार की रात 1.05 से 1.30 बजे के बीच ऑपरेशन हुआ।
पहलगाम में निर्दयता से जिन निर्दोष पर्यटकों को मारा गया, उनको इंसाफ दिलाने के लिए यह ऑपरेशन किया गया। पाकिस्तान में तीन दशकों से आतंकवादियों का निर्माण हो रहा है। हमले के बाद भी यह सामने आया है।
हमने पाकिस्तान और पीओके में नौ टारगेट चुने थे और स्ट्राइक में इन्हें तबाह कर दिया गया। इन जगहों पर लॉन्च पैड, ट्रेनिंग सेंटर्स को टारगेट किया गया। हमने विश्वसनीय सूचनाओं और इंटेलिजेंस के आधार पर इन लक्ष्यों को चुना। ऑपरेशन के दौरान हमने यह निश्चित किया कि बेगुनाह लोगों और सिविलियन इन्फ्रास्ट्रक्चर को नुकसान न पहुंचे। पीओके में सबसे पहला टारगेट सवाई नाला मुजफ्फराबाद में था, यह लश्कर का ट्रेनिंग सेंटर था। सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम हमले के आतंकियों ने यहीं ट्रेनिंग ली।
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान और पीओके में हमले
मुजफ्फराबाद के ही सैयदना बिलाल कैंप में आतंकियों को हथियार, विस्फोटक और जंगल सर्वाइवल की ट्रेनिंग दी जाती थी। गुरपुर के कोटली में लश्कर का कैंप था, यहां पुंछ में 2023 में श्रद्धालुओं पर हुए हमले के आतंकी ट्रेंड हुए थे। पाकिस्तान में हमारा पहला टारगेट सियालकोट का सरजल कैंप था। मार्च 2025 में पुलिस जवानों की हत्या करने वाले आतंकवादियों को यहीं ट्रेन किया गया था।
सियालकोट के महमूना जाया कैंप में हिजबुल का बहुत बड़ा कैंप था। यह कठुआ में आतंकवाद का नियंत्रण केंद्र था। पठानकोट हमला यहीं प्लान किया गया। मरकज तैयबा मुरीदके में आतंकवादी शिविर है। अजमल कसाब और डेविड कोलमैन हेडली यहीं ट्रेन हुए थे।
मरकज सुभानअल्लाह बहावलपुर जैश का मुख्यालय था। यहां आतंकवादियों की भर्ती होती थी, उन्हें ट्रेनिंग दी जाती थी। जैश के बड़े अफसर यहां आते थे। किसी तरह की नागरिक क्षति की रिपोर्ट नहीं है, हमने रिहायशी इलाकों को निशाना नहीं बनाया है।
Also Read: Operation Sindoor पर फिल्म का ऐलान, फिल्म का पहला पोस्टर जारी
Pic Credit: ANI