नई दिल्ली। भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर दुनिया के 70 देशों को जानकारी दी है। रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा ने सभी देशों के डिफेंस अताशे यानी डीए को इस बारे मे जानकारी दी। भारत ने चीन और तुर्की के राजनयिकों को नहीं बुलाया। गौरतलब है कि इन दोनों देशों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के समय पाकिस्तान के साथ दिया था। भारत की ओर से मानेक शॉ सेंटर में विदेशी राजनयिकों को इस बारे में जानकारी दी गई।
भारत ने उनको ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता की जानकारी दी साथ ही विदेशी राजनयिकों को पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमले के बारे में भी बताया। भारत ने पहलगाम कांड के बाद आतंकवादी ठिकानों को नष्ट करने के लिए जो नई नीति अपनाई है उसे भी दुनिया के देशों के साथ साझा किया। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ तीनों सेनाओं की भूमिका के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई। भारत ने बताया कि उसका अभियान बिल्कुल सटीक था और भड़काऊ बिल्कुल नहीं था। इस दौरान जनरल राणा ने पाकिस्तान के भ्रामक और दुष्प्रचार अभियान की विश्वसनीय जानकारी भी साझा की, जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के लिए खतरा बन रहा है।
उधर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पहलगाम कांड की जिम्मेदारी लेने वाले द रेसिस्टेंस फ्रंट यानी टीएफआर को आतंकी संगठन के तौर पर लिस्टेड कराने की बात कही। उन्होंने कहा, ‘सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी। हमने सात बार ब्रीफिंग दी। हमारे पास सबूत हैं। टीआरएफ ने जिम्मेदारी ले थी। टीआरएफ लश्कर ए तैयबा का संगठन है। टीआरएफ को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी यूएनएससी में आतंकी संगठन के तौर पर लिस्टेड कराएंगे’। रणधीर जायसवाल ने बांग्लादेश के मुद्दे पर भी अपनी बात रखी और अवामी लीग पर बैन लगाने को चिंता का विषय बताया।