नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले की मीडिया में नॉन स्टॉप कवरेज के बीच केंद्र सरकार ने मीडिया के लिए एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने मीडिया से कहा है कि वह संवेदनशील मामलों में सूत्रों के हवाले से खबरें नहीं चलाए। यह भी कहा गया है कि किसी भी कार्रवाई के बाद संबंधित विभाग की ओर से मीडिया को जानकारी दी जाएगी। सरकार ने शनिवार को जारी एडवाइजरी में मीडिया से सेना के अभियान और सुरक्षा बलों की आवाजाही का लाइव टेलीकास्ट न करने का निर्देश दिया है।
सूचना व प्रसारण मंत्रालय की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि सेना और सुरक्षा बलों की आवाजाही की रिपोर्टिंग से अनजाने में दुश्मनों को मदद मिल सकती है। सरकार ने कहा है कि अगर कोई चैनल केबल टीवी नेटवर्क अमेंडमेंट एक्ट 2021 के नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स, न्यूज एजेंसी, सोशल मीडिया यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे सेना और बाकी सुरक्षा ऑपरेशन से जुड़ी रिपोर्टिंग करते समय नियमों का पालन करें। खासतौर पर सैन्य अभियान और सुरक्षा बलों की आवाजाही के रियल टाइम कवरेज, विजुअल्स को सूत्रों के हवाले से चलाने से बचना चाहिए’।
इसमें कहा गया है, ‘संवेदनशील जानकारी का समय से पहले खुलासा अनजाने में दुश्मन की मदद कर सकता है और कर्मियों की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है’। सरकार ने सुरक्षा बलों के ऑपरेशन का लाइव कवरेज और उससे हुए नुकसान का हवाला दिया। एडवाइजरी में लिखा है, ‘पिछली घटनाओं को देखें तो वे जिम्मेदारी भरी रिपोर्टिंग के महत्व को दिखाती हैं। कारगिल वॉर, 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों और कंधार अपहरण जैसी घटनाओं की अप्रतिबंधित कवरेज ने राष्ट्रीय हितों पर विपरीत असर डाला था’।