Media

  • मीडिया इतना कभी नहीं गिरा !

    जब मीडिया  ने सवाल नहीं पूछे तो मीडिया पर सवाल पूछे ही जाएंगे। प्रधानमंत्री भैंस तक पर आ जाते हैं। और कोई यह नहीं पूछता कि हुजूर यह भैंस आपके दिमाग में कैसे आ गई। कांग्रेस ने यह नहीं किया वह नहीं किया। ठीक है। मगर भैंस से कांग्रेस का क्या ताल्लूक!... अभी देखा होगा कि एक एंकर पत्रकार तेजस्वी से पूछ रहा है कि इतनी ज्यादा नौकरी देने की क्या जरूरत? और असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा कह रहे हैं कि सरकारी नौकरियां पहले ही ज्यादा दी जा चुकी हैं। यह वही स्थिति लाने की कोशिश है कि रोजी...

  • और घटा प्रेस फ्रीडम

    आरएसफ ने कहा है- पत्रकारों के खिलाफ हिंसा, मीडिया स्वामित्व का केंद्रीकरण और (मीडिया के) राजनीतिक जुड़ाव के कारण भारत में प्रेस की आजादी खतरे में है। मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश में प्रेस स्वतंत्रता में गिरावट आती चली गई है।’ फ्रांस स्थित संस्था रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर (आरएसएफ) की नई रैंकिंग में पहली नजर में भारत की स्थिति सुधरी नज़र आती है। 2022 की रैंकिंग में भारत 161वें नंबर पर था, जबकि 2023 में वह 159वें स्थान पर आया है। इसी आधार पर ऐसी सुर्खी बनी कि भारत में प्रेस स्वतंत्रता की स्थिति में सुधार।...

  • मीडिया बीस साल से राहुल का विरोधी

    राहुल आज के टारगेट नहीं हैं। बीस साल से हैं। और जिसे गोदी मीडिया आज कह रहे हैं दरअसल वह यथास्थितिवादी मूल्यों को बनाए रखने वाला दक्षिणपंथी सोच का मीडिल क्लास है। उसे राहुल की प्रगतिशीलता पाखंड मुक्त सहजता बहुत परेशान करती है। Rahul Gandhi congress शुरू से जब राहुल दलितों के घर जाते थे तो उसकी पारंपरिक सोच को चोट पहुंचती थी। इधर कांग्रेस में भी ऐसे लोग बड़ी तादाद में थे जो राहुल की धर्मनिरपेक्ष, दलित समर्थक, जनपक्षीय सोच के विरोधी थे। उन्होंने अपने अपने तरीके से राहुल विरोधी मीडिया और पार्टी के व्यक्तियों को खूब आगे बढ़ाया।...

  • मीडिया पर हमला करके क्या मिलेगा?

    विपक्षी पार्टियों के नेता लगातार चुनाव हारने की भड़ास मीडिया पर निकाल रहे हैं। कांग्रेस से लेकर समाजवादी पार्टी और राजद से लेकर जदयू और तृणमूल कांग्रेस तक के नेता मीडिया को निशाना बना रहे हैं। जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह अपने इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर मीडिया पर बुरी तरह भड़के। गुरुवार को उन्होंने मीडिया को निशाना बनाते हुए कहा कि जब इस्तीफा देना होगा तो आपसे परामर्श कर लेंगे। आप जाइए और भाजपा कार्यालय से मेरे इस्तीफे का ड्राफ्ट बनवा कर ले आइए। भाजपा नैरेटिव सेट करती है और...

  • खेलों से क्यों खफा मीडिया?

    दिन-रात नेताओं, सांसदों और दलगत राजनीति का भोंपू बजाने वाले टीवी चैनल, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया को क्रिकेट के अलावा कोई दूसरा खेल और खिलाड़ी क्यों नजर नहीं आते?...अपने खिलाड़ियों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और उनकी उपलब्धियों का बखान नहीं किया जाएगा, तो क्या हम खेलों में बड़ी ताकत बन पाएंगे? चूंकि देश को खेल महाशक्ति बनना है इसलिए खिलाड़ियों को ग्रासरूट स्तर से विकसित किया जा रहा है। उन्हें स्कूल स्तर से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सरकारें अपने खजाने से उन पर भरपूर खर्चा कर रही हैं और...

  • राहुल ने मीडिया पर उठाए सवाल

    दिन-रात नेताओं, सांसदों और दलगत राजनीति का भोंपू बजाने वाले टीवी चैनल, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया को क्रिकेट के अलावा कोई दूसरा खेल और खिलाड़ी क्यों नजर नहीं आते?...अपने खिलाड़ियों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और उनकी उपलब्धियों का बखान नहीं किया जाएगा, तो क्या हम खेलों में बड़ी ताकत बन पाएंगे? चूंकि देश को खेल महाशक्ति बनना है इसलिए खिलाड़ियों को ग्रासरूट स्तर से विकसित किया जा रहा है। उन्हें स्कूल स्तर से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सरकारें अपने खजाने से उन पर भरपूर खर्चा कर रही हैं और...

  • क्या मीडिया बिकाऊ है?

    दिन-रात नेताओं, सांसदों और दलगत राजनीति का भोंपू बजाने वाले टीवी चैनल, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया को क्रिकेट के अलावा कोई दूसरा खेल और खिलाड़ी क्यों नजर नहीं आते?...अपने खिलाड़ियों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और उनकी उपलब्धियों का बखान नहीं किया जाएगा, तो क्या हम खेलों में बड़ी ताकत बन पाएंगे? चूंकि देश को खेल महाशक्ति बनना है इसलिए खिलाड़ियों को ग्रासरूट स्तर से विकसित किया जा रहा है। उन्हें स्कूल स्तर से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सरकारें अपने खजाने से उन पर भरपूर खर्चा कर रही हैं और...

  • डरे हुए मीडिया को और डराना

    दिन-रात नेताओं, सांसदों और दलगत राजनीति का भोंपू बजाने वाले टीवी चैनल, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया को क्रिकेट के अलावा कोई दूसरा खेल और खिलाड़ी क्यों नजर नहीं आते?...अपने खिलाड़ियों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और उनकी उपलब्धियों का बखान नहीं किया जाएगा, तो क्या हम खेलों में बड़ी ताकत बन पाएंगे? चूंकि देश को खेल महाशक्ति बनना है इसलिए खिलाड़ियों को ग्रासरूट स्तर से विकसित किया जा रहा है। उन्हें स्कूल स्तर से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सरकारें अपने खजाने से उन पर भरपूर खर्चा कर रही हैं और...

  • सरकार फैक्ट चेक करेगी

    दिन-रात नेताओं, सांसदों और दलगत राजनीति का भोंपू बजाने वाले टीवी चैनल, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया को क्रिकेट के अलावा कोई दूसरा खेल और खिलाड़ी क्यों नजर नहीं आते?...अपने खिलाड़ियों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और उनकी उपलब्धियों का बखान नहीं किया जाएगा, तो क्या हम खेलों में बड़ी ताकत बन पाएंगे? चूंकि देश को खेल महाशक्ति बनना है इसलिए खिलाड़ियों को ग्रासरूट स्तर से विकसित किया जा रहा है। उन्हें स्कूल स्तर से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सरकारें अपने खजाने से उन पर भरपूर खर्चा कर रही हैं और...

  • अजित ने मीडिया में गलत खबर चलाये जाने पर जतायी नाराजगी

    दिन-रात नेताओं, सांसदों और दलगत राजनीति का भोंपू बजाने वाले टीवी चैनल, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया को क्रिकेट के अलावा कोई दूसरा खेल और खिलाड़ी क्यों नजर नहीं आते?...अपने खिलाड़ियों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और उनकी उपलब्धियों का बखान नहीं किया जाएगा, तो क्या हम खेलों में बड़ी ताकत बन पाएंगे? चूंकि देश को खेल महाशक्ति बनना है इसलिए खिलाड़ियों को ग्रासरूट स्तर से विकसित किया जा रहा है। उन्हें स्कूल स्तर से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सरकारें अपने खजाने से उन पर भरपूर खर्चा कर रही हैं और...

  • मीडिया के पावर को क्या हुआ?

    दिन-रात नेताओं, सांसदों और दलगत राजनीति का भोंपू बजाने वाले टीवी चैनल, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया को क्रिकेट के अलावा कोई दूसरा खेल और खिलाड़ी क्यों नजर नहीं आते?...अपने खिलाड़ियों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और उनकी उपलब्धियों का बखान नहीं किया जाएगा, तो क्या हम खेलों में बड़ी ताकत बन पाएंगे? चूंकि देश को खेल महाशक्ति बनना है इसलिए खिलाड़ियों को ग्रासरूट स्तर से विकसित किया जा रहा है। उन्हें स्कूल स्तर से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सरकारें अपने खजाने से उन पर भरपूर खर्चा कर रही हैं और...

  • ‘फ्रेंकनस्टेट’ में नतमस्तक मीडिया

    दिन-रात नेताओं, सांसदों और दलगत राजनीति का भोंपू बजाने वाले टीवी चैनल, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया को क्रिकेट के अलावा कोई दूसरा खेल और खिलाड़ी क्यों नजर नहीं आते?...अपने खिलाड़ियों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और उनकी उपलब्धियों का बखान नहीं किया जाएगा, तो क्या हम खेलों में बड़ी ताकत बन पाएंगे? चूंकि देश को खेल महाशक्ति बनना है इसलिए खिलाड़ियों को ग्रासरूट स्तर से विकसित किया जा रहा है। उन्हें स्कूल स्तर से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सरकारें अपने खजाने से उन पर भरपूर खर्चा कर रही हैं और...

  • आरएसएस का सभी संस्थाओं पर नियंत्रण

    दिन-रात नेताओं, सांसदों और दलगत राजनीति का भोंपू बजाने वाले टीवी चैनल, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया को क्रिकेट के अलावा कोई दूसरा खेल और खिलाड़ी क्यों नजर नहीं आते?...अपने खिलाड़ियों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है। खिलाड़ियों को प्रोत्साहन नहीं मिलेगा और उनकी उपलब्धियों का बखान नहीं किया जाएगा, तो क्या हम खेलों में बड़ी ताकत बन पाएंगे? चूंकि देश को खेल महाशक्ति बनना है इसलिए खिलाड़ियों को ग्रासरूट स्तर से विकसित किया जा रहा है। उन्हें स्कूल स्तर से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सरकारें अपने खजाने से उन पर भरपूर खर्चा कर रही हैं और...

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