नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों में बुधवार को भी गतिरोध जारी रहा। विपक्षी दलों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और अन्य मुद्दों पर हंगामा किया। विपक्ष की मांग थी कि एसआईआर, पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता दावे पर चर्चा हो। इसी दौरान खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक, 2025 पेश किए।
यह तीसरा दिन था जब प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं चल सका। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दो-दो बार स्थगित हुई। दोपहर दो बजे के बाद दिनभर के लिए स्थगन की घोषणा कर दी गई। लोकसभा में सरकार ने दो विधेयक पेश किए।
विपक्षी सांसदों ने आसन के पास पहुंचकर नारे लगाए और तख्तियां लहराईं। इन पर एसआईआर विरोधी नारे लिखे थे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने चेतावनी दी कि तख्तियां लाने वाले सांसदों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बिरला ने कहा कि संसद में आचरण मर्यादित होना चाहिए। जनता ने सांसदों को नीतियों और जनसमस्याओं पर चर्चा के लिए चुना है।
राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने बताया कि उन्हें नियम 267 के तहत 25 नोटिस मिले हैं। पूर्व निर्णयों के अनुसार ये सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए गए। इस पर विपक्ष ने विरोध जताया और कुछ सदस्य अपनी सीटों से आगे आ गए।
हंगामे के कारण राज्यसभा में भी प्रश्नकाल नहीं हो सका। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कई विपक्षी नेता मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे थे। सोनिया गांधी भी मौजूद थीं।
इसी दौरान खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक, 2025 और राष्ट्रीय डोपिंग रोधी संशोधन विधेयक, 2025 पेश किए। बाद में दोपहर दो बजे बैठक फिर शुरू हुई। पीठासीन अध्यक्ष भुवनेश्वर कालिता ने पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्वानंद सोनोवाल को समुद्र द्वारा माल वहन विधेयक, 2025 पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया, लेकिन चर्चा नहीं हो सकी।
राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में विपक्ष ने मांग की कि अगले सप्ताह पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर दो दिवसीय चर्चा कराई जाए। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति भी सुनिश्चित की जाए। बैठक में जेपी नड्डा और किरेन रीजीजू भी शामिल थे।


