नई दिल्ली। जर्मनी के एक अखबार ने यह सनसनीखेज दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात नहीं कर रहे हैं। अखबार ने दावा किया है कि टैरिफ को लेकर ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को चार कॉल किए थे, लेकिन मोदी ने उनसे एक बार भी बात नहीं की। कहा जा रहा है कि इससे दोनों नेताओं के बीच तनाव बढ़ गया। जर्मनी के अखबार फ्रैंकफर्टर अल्गेमाइन यानी एफएजेड ने यह दावा किया है। अखबार ने कहा है कि ट्रंप भारत को नहीं दबा पाए।
जर्मन अखबार के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप की ओर से मनमाने तरीके से टैरिफ लगाने, व्यापार संधि के लिए दबाव बनाने और भारत को ‘डेड इकोनॉमी’ कहने से मोदी नाराज हैं। अखबार में यह भी दावा किया गया है कि भारत ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के लिए होने वाली बातचीत रद्द की है। यह भी कहा गया है कि भारत ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल को व्यापार वार्ता के लिए नई दिल्ली आने से रोक दिया।
गौरतलब है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लगाया है, जिसमें से 25 फीसदी टैरिफ जुर्माने के तौर पर लगाया गया है, जो 27 अगस्त यानी बुधवार से लागू होगा। ट्रंप ने कहा था कि भारत के रूसी तेल खरीदने की वजह से पुतिन को यूक्रेन के खिलाफ जंग जारी रखने में मदद मिल रही है। बहरहाल, जर्मन अखबार में जानकारों के हवाले से लिखा है, आमतौर पर ट्रंप का तरीका यह है कि पहले वे किसी देश पर व्यापार घाटे को लेकर हमला बोलते हैं, फिर ऊंचे टैरिफ की धमकी देते हैं। इसके बाद डर कर बातचीत शुरू होती है और आखिरकार वह ऊंचा टैरिफ लगाकर, फिर कुछ छूट देकर खुद को विजेता बताने की कोशिश करते हैं’।
अखबार ने कहा है कि, ‘कई देशों के साथ ऐसा हुआ है और ट्रंप ने यह दिखाया कि अमेरिकी बाजार पर उनकी पकड़ कितनी मजबूत है, लेकिन मोदी ने इस बार झुकने से इनकार कर दिया’। जानकारों ने अखबार से बातचीत में दावा किया है कि अमेरिका की भारत को चीन के खिलाफ इस्तेमाल करने की रणनीति नाकाम हो रही है। अखबार ने लिखा है कि पीएम मोदी को ट्रंप के बरताव से बहुत ज्यादा बुरा महसूस हुआ है। वह मोदी को उस पुराने अपमान की याद दिला रहे हैं, जो लगभग एक दशक पहले उन्हें जिनफिंग से मिला था। कहा गया है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग तब गुजरात गए थे और मोदी से दोस्ती का वादा किया था, लेकिन उसी समय चीन की सेना हिमालय में भारतीय इलाके में घुस आई थी।