पटना। नीतीश कुमार ने गुरुवार को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में 10वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। पिछले 25 साल में वे 20 साल से कुछ कम मुख्यमंत्री रहे हैं लेकिन इस दौरान उन्होंने 10 बार शपथ ली है। उनके साथ 26 मंत्रियों ने भी शपथ ली, जिनमें दो उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा भी शामिल हैं। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री और सभी मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
गांधी मैदान में हुए भव्य शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित कई बड़े भाजपा नेता मौजूद रहे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित एक दर्जन राज्यों के मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री शपथ समारोह में शामिल हुए। गुरुवार को शपथ लेने वाले 26 मंत्रियों में 14 भाजपा कोटे से, आठ जदयू से, दो लोजपा से और जीतन राम मांझी की पार्टी हम और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी से रालोमो से एक एक मंत्री बने हैं। नीतीश मंत्रिमंडल में जमा खान के रूप में एक मुस्लिम चेहरा भी शामिल है।
इस बीच सरकार के स्वरूप को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। पूर्वी चम्पारण से एनडीए के 11 विधायक हैं लेकिन किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है। पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, शिवहर और सीतामढ़ी मिला कर सिर्फ दो मंत्री हैं, जबकि वैशाली से चार मंत्री बने हैं। पटना से दो और सारण से भी दो मंत्री बनाए गए हैं। मधुबनी और दरभंगा से सिर्फ दो मंत्री बने हैं। ज्यादतर मंत्री मगध, शाहाबाद और अंग प्रदेश से हैं। उपेंद्र कुशवाहा ने अपने बेटे दीपक प्रकाश को मंत्री बनाया है। वे विधायक नहीं हैं। उनको बाद में एमएलसी बनाया जाएगा।
पिछली सरकार के कई बड़े मंत्रियों की छुट्टी हो गई है। नीतीश मिश्रा, जीवेश मिश्रा, नीरज सिंह बबलू, राजू सिंह, रेणु देवी, कृष्णनंदन पासवान, जनक राम आदि की विदाई हो गई है। बहरहाल, शपथ के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से गमछा हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। नीतीश की सरकार में इस बार कुछ नए चेहरों को मौका दिया गया है। रामकृपाल यादव, श्रेयसी सिंह मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। चिराग पासवान की पार्टी से संजय सिंह और संजय पासवान मंत्री बने हैं। जीतन राम मांझी ने बेटे संतोष सुमन को फिर से मंत्री बनवाया है।


