नई दिल्ली। जब से अमेरिका ने भारत के ऊपर जैसे को तैसा टैरिफ लगाने का ऐलान किया है तब से भारत ने अमेरिका से तेल की खरीद दोगुनी कर दी है। बताया जा रहा है कि अमेरिका के साथ हुए सौदे के तहत भारत ने तेल खरीद में बढ़ोतरी की है। गौरतलब है कि ट्रंप ने अप्रैल में टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया था और 90 दिन के लिए उसे रोक दिया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उसके बाद अप्रैल से जून की तिमाही में अमेरिका से तेल खरीद में सालाना आधार पर 114 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल 2024 में अप्रैल से जून यानी वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत ने अमेरिका से करीब 15 हजार करोड़ रुपए का तेल खरीदा था। लेकिन 2025 में अप्रैल से जून के बीच में यह आंकड़ा दोगुने से ज्यादा बढ़कर 32 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच गया। बताया गया है कि भारत ने इस साल जनवरी से जून 2025 के बीच अमेरिका से हर दिन 2.71 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा। 2024 में जनवरी से जून के बीच ये आंकड़ा 1.8 लाख बैरल प्रतिदिन था।
सरकारी सूत्रों के हवाले से आई खबर के मुताबिक हर महीने के साथ खरीद का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। सिर्फ जुलाई 2025 में जून के मुकाबले 23 फीसदी ज्यादा कच्चा तेल अमेरिका से खरीदा गया। भारत के कुल तेल आयात में भी अमेरिका की हिस्सेदारी तीन से बढ़ कर आठ तक पहुंच गई है। गौरतलब है कि इतनी खरीद बढ़ाने के बावजूद 30 जुलाई को ट्रंप ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी थी। हालांकि इसे सात अगस्त से लागू करने की घोषणा हुई है।
ट्रंप ने रूस से कारोबार करने और तेल खरीदने की वजह से भारत पर जुर्माना लगाने का भी ऐलान किया था। हालांकि टैरिफ बढ़ाने के साथ उन्होंने जुर्माना नहीं लगाया, बल्कि पल्ला झाड़ते हुए कहा कि भारत और रूस दोनों की इकोनॉमी डेड है, दोनों को जो करना है करें। गौरतलब है कि भारत अभी रूस से अपनी जरूरत का करीब 40 फीसदी तेल खरीदता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत अभी हर दिन 11 लाख बैरल से से ज्यादा कच्चा तेल रूस से खरीदता है।