चंडीगढ़। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अन्य मांगों पर चर्चा के वास्ते किसान नेताओं और केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल में बुधवार को हुई सातवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही। तीन घंटे से अधिक समय तक चली बातचीत के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वार्ता जारी रहेगी। अगली बैठक चार मई को होगी।
शिवराज ने कहा, “सौहार्दपूर्ण माहौल में सकारात्मक और रचनात्मक चर्चा हुई। बातचीत जारी रहेगी। अगली बैठक चार मई को होगी।” हालांकि, उन्होंने मीडिया के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। चर्चा मुख्य रूप से फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग पर केंद्रित रही। किसान नेताओं ने कहा कि एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून को लागू करने में समस्या नहीं होगी। उन्होंने मीडिया में आई उन खबरों का भी जिक्र किया, जिनमें कहा गया है कि अमेरिकी सरकार भारत सरकार पर कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क हटाने के लिए दबाव डाल रही है।
शिवराजसिंह के अलावा उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और वाणिज्य-उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी चंडीगढ़ में सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी लोक प्रशासन संस्थान में आयोजित वार्ता में शामिल हुए। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक ने भी बातचीत में हिस्सा लिया।
यह बैठक पिछले साल फरवरी के बाद से दोनों पक्षों के बीच सातवें दौर की वार्ता थी। कृषि मंत्री ने किसानों को कहा कि सरकार उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार किसानों के समक्ष आ रही समस्याओं के समाधान के लिए नियमित रूप से नीतिगत हस्तक्षेप करती आई है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि बैठक में किसानों की विभिन्न मांगों के कानूनी, आर्थिक और अन्य पहलुओं पर विचार हुआ। इसमें कहा गया है कि बैठक में केंद्रीय मंत्रियों ने किसानों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी और अन्य हितधारकों की चिंताओं पर ध्यान देती रहेगी तथा किसानों के हित में कार्य करेगी। उन्होंने किसान नेताओं से कहा, “किसानों का हित सर्वोपरि है।”
पंजाब के वित्त मंत्री चीमा ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि एमएसपी की गारंटी वाले कानून की मांग के समर्थन में किसानों की ओर से साझा किए गए आंकड़ों का अध्ययन करने की जरूरत है।
चीमा ने कहा, “पिछली बैठक की तरह ही किसानों ने एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग के समर्थन में आंकड़े साझा किए। केंद्रीय मंत्रियों ने कहा कि इस पर और अध्ययन करने की जरूरत है। चूंकि, कानून पूरे देश के लिए बनेगा, इसलिए सभी हितधारकों का पक्ष सुनना जरूरी है।”
इस बैठक में केंद्रीय प्रतिनिधिमंडल ने विशेषज्ञों के साथ चर्चा के लिए फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी को लेकर किसानों से उनके दावों के समर्थन में आंकड़े मांगे थे। केंद्रीय मंत्री जोशी के नेतृत्व में 14 फरवरी को भी एक केंद्रीय टीम और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक हुई थी।