नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को चुनाव आयोग के खिलाफ अपना ‘एटम बम’ फोड़ दिया। उन्होंने आयोग के ऊपर ‘वोट चोरी’ का बड़ा आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने गुरुवार को करीब 72 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने कई स्लाइड के जरिए विस्तार से प्रेजेंटेशन दिया और दावा किया कि फर्जी मतदाताओं के सहारे कांग्रेस को हराया जा रहा है। राहुल ने दावा किया कि पिछले लोकसभा चुनाव में कर्नाटक में कांग्रेस सिर्फ नौ सीटों पर जीती, जबकि असल में उसकी 16 सीटों पर जीत हो रही थी। उन्होंने कहा कि सात सीटों पर फर्जी मतदाताओं के जरिए कांग्रेस को हराया गया।
कांग्रेस नेता ने चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि आयोग ने मशीन से पढ़ी जा सकने लायक मतदाता सूची उपलब्ध नहीं कराई। तभी कांग्रेस की रिसर्च टीम को छह महीने से ज्यादा समय लग गया चोरी पकड़ने में। उन्होंने एक घंटे 12 मिनट की प्रेस कॉन्फ्रेंस में 22 पन्नों का प्रजेंटेशन दिया। उन्हेंने स्क्रीन पर कर्नाटक की मतदाता सूची दिखाते हुए कहा कि इसमें संदिग्ध मतदाता मौजूद हैं। राहुल ने कहा ‘महाराष्ट्र के नतीजे देखने के बाद हमारा शक पुख्ता हुआ कि चुनाव में चोरी हुई है। मशीन रीडेबल वोटर लिस्ट नहीं देने से हमें भरोसा हुआ कि चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र के चुनाव की चोरी की है’।
राहुल ने कहा, ‘हमने यहां वोट चोरी का एक मॉडल पेश किया, मुझे लगता है कि इसी मॉडल का प्रयोग देश की कई लोकसभाओं और विधानसभाओं में हुआ’। उन्होंने कहा, ‘कर्नाटक में हमें 16 सीटों पर जीत मिलती, लेकिन हम सिर्फ नौ सीटों पर जीते। हमने इन सात हारी हुई सीटों में से एक सीट पर जांच पड़ताल की, वो सीट थी बेंगलुरु सेंट्रल’। राहुल ने कहा, ‘इस सीट पर कांग्रेस को 6,26,208 वोट मिले। भाजपा को 6,58,915 वोट मिले। दोनों पार्टियों को मिले वोटों का अंतर सिर्फ 32,707 था। वहीं जब महादेवपुरा असेंबली सीट पर वोटिंग हुई तो दोनों पार्टियों के बीच वोट का अंतर 1,14,046 का रहा’। इस आधार पर उन्होंने दावा किया कि, ‘इस हिसाब से देखें तो एक लाख से ज्यादा वोटों की चोरी हुई’।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने महादेवपुरा सीट पर पांच तरह से वोट चोरी का आरोप लगाया। पहला, उन्होंने दावा किया कि इस सीट पर 11,965 फर्जी मतदाता हैं, जिन्होंने कई कई जगह वोट किया। उन्होंने आदित्य नाम के एक वोटर का जिक्र किया, जिसका नाम एक विधानसभा सीट के चार अलग अलग बूथों पर था और जगह इपिक नंबर अलग था। दूसरा तरीका, महादेवपुरा सीट पर 40 हजार मतदाताओं के पते फर्जी पाए गए हैं। राहुल का दावा है कि इन मतदाताओं के नाम के साथ जो पता लिखा गया था वहां कोई नहीं रहता। उन्होंने पूछा कि फिर इनका वोट किसने डाला? तीसरा, एक पते पर बड़ी संख्या में मतदाता दर्ज हैं। उन्होंने कहा कि बूथ नंबर 470 पर मकान नंबर 35 में 80 लोग रहते हैं। चौथा, 4,132 मतदाता ऐसे मिले, जिनकी तस्वीरें बहुत छोटी थीं या पहचान में आने लायक नहीं थीं। पांचवां, फॉर्म छह के जरिए फर्जीवाड़ा हुआ। यह फॉर्म पहली बार मतदाता बनने के लिए भरा जाता है लेकिन कई लोगों ने एक से ज्यादा बार फॉर्म भरा।
राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महाराष्ट्र में चंद महीने में लाखों मतदाताओं के नाम सूची में जोड़े गए, जो काफी चिंताजनक है। उन्होंने कहा, ‘40 लाख वोटर रहस्यमयी हैं। यहां पांच महीने में कई वोटर जोड़े गए। वोटर लिस्ट को लेकर चुनाव आयोग को जवाब देना चाहिए। उन्हें बताना चाहिए कि वोटर लिस्ट सही है या गलत। शाम पांच बजे के बाद वोटर टर्नआउट का बढ़ना भी हैरान करने वाला है। शाम पांच बजे के बाद वोटिंग क्यों बढ़ी? चुनाव आयोग इसका जवाब दे’।