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विस्फोट में बड़ी साजिश के संकेत

नई दिल्ली। लाल किले के सामने हुए विस्फोट में बड़ी साजिश के सबूत मिल रहे हैं। जांच एजेंसियों का कहना है कि दो साल से इसकी तैयारी चल रही थी। अधिकारियों का मानना है कि कार में जिस तीव्रता का विस्फोट हुआ वह अमोनियम नाइट्रेट से संभव नहीं है। इसमें घातक विस्फोटक के इस्तेमाल का शक है। इस बीच यह भी कहा जा रहा है कि संदिग्ध आतंकी उमर और मुज्जमिल के तुर्किए जाने के सबूत मिले हैं, जहां उनकी जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों से मुलाकात हुई थी। हर दिन हो रहे नए खुलासे से इस कांड का दायरा बढ़ता जा रहा है।

इस बीच विस्फोट के आरोपी उमर नबी की एक दूसरी कार का पता चला है, जिसे पुलिस ने फरीदाबाद के खंडावली गांव से बरामद किया है। यह गाड़ी उमर के नाम से ही दिल्ली में रजिस्टर्ड है। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि इस गाड़ी के रजिस्ट्रेशन के लिए फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल किए गए हो सकते हैं। इस गाड़ी का बरामद होना इसलिए अहम है क्योंकि पुलिस को संदेह है कि कुछ विस्फोटक अब भी बरामद नहीं हुए हैं।

पुलिस को जब उमर की दूसरी गाड़ी का पता चला तो कई राज्यों में इसका तलाश के लिए अलर्ट जारी किया गया था। आखिरकार बुधवार की शाम को यह गाड़ी खंडावली गांव में बरामद हुई। बताया जा रहा है कि जहां यह गाड़ी मिली है वह उमर के दोस्त का घर है। आगे एफएलएल और पुलिस की टीमें जांच कर रही हैं। गौरतलब है कि सोमवार, 10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर एक के बाहर एक कार में बड़ा धमाका हुआ था, जिसमें अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है।

इस बीच पता चला है कि दिल्ली में विस्फोट करने वाले संदिग्ध आतंकियों का समूह फरीदाबाद की अल फलाह यूनिवर्सिटी से संचालित हो रहा था। यह भी बताया गया है कि धमाकों की साजिश जनवरी से की रची जा रही थी। फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. शाहीन शाहिद ने बताया कि वह पिछले दो साल से विस्फोटक जमा कर रही थी। शाहीन और उसके साथियों को मिलाकर एक व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल बनाया गया था। इसमें डॉक्टर और दूसरे पेशेवर लोगों को शामिल किया गया था।

इस मॉड्यूल में शामिल आतंकी जैश ए मोहम्मद और अंसार गजवत उल हिंद नाम के संगठनों जुड़े थे। बताया जा रहा है कि इस समूह के आतंकवादियों ने देश भर में दो सौ बम से मुंबई के 26/11 जैसे हमले करने की साजिश रची थी। खबरों के मुताबिक दिल्ली के लाल किला, इंडिया गेट, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब और गौरी शंकर मंदिर जैसी जगह धमाके किए जाने थे। आतंकियों के टारगेट पर गुरुग्राम और फरीदाबाद के साथ देश भर के रेलवे स्टेशनों और बड़े मॉल्स भी थे।

इस बीच धमाके वाली कार चलाने वाले आतंकी डॉक्टर उमर की मां का डीएनए लिया गया है। जांच के लिए उसे एम्स दिल्ली की फॉरेंसिक लैब में भेजा गया है। गौरतलब है कि विस्फोट में शामिल हुंडई आई20 कार फरीदाबाद स्थित एक सेकेंड हैंड कार शोरूम ‘रॉयल कार जोन’ ने बेची थी। शोरूम का मालिक हिरासत में लिया गया है। उधर अल फलाह यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर डॉ भूपिंदर कौर ने कहा है कि, कैंपस में केमिकल लाने की बात गलत है। घटना वाली जगह से करीब 40 सैंपल कलेक्ट किए गए हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि एक सैंपल में अमोनियम नाइट्रेट होने की संभावना है।

By NI Desk

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