नई दिल्ली। पटाखों पर पाबंदी और वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने शुक्रवार को दिल्ली में पटाखों पर पाबंदी लगाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई की। चीफ जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि अगर पटाखों पर प्रतिबंध लगाना है तो पूरे देश में बैन करना चाहिए। दोनों जजों ने कहा कि साफ हवा का अधिकार सिर्फ दिल्ली और एनसीआर तक सीमित नहीं रह सकता, बल्कि पूरे देश के नागरिकों को मिलना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पर्यावरण संबंधी जो भी नीति हो वह पूरे भारत में होनी चाहिए। अदालत ने कहा, ‘हम सिर्फ दिल्ली के लिए इसलिए नीति नहीं बना सकते, क्योंकि यहां देश का एलीट क्लास हैं’। इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को होगी। गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट के तीन अप्रैल 2025 के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें दिल्ली और एनसीआर में पटाखों की बिक्री, स्टोरेज, परिवहन और निर्माण पर पूर्ण प्रतिबंध के आदेश को संशोधित करने की मांग की गई है।
बेंच ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट को इस मामले में नोटिस जारी किया और दो हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा। अदालत की मदद कर रहे न्यायमित्र सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने कहा कि कुलीन वर्ग अपना ध्यान रखता है। प्रदूषण होने पर वे दिल्ली से बाहर चले जाते हैं। बेंच ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि वे प्रदूषण के मामले में सीएक्यूएम से डिटेल रिपोर्ट लें। बेंच ने कहा कि फिलहाल पटाखों के लाइसेंस रद्द करने के मामले में स्थिति जैसी है वैसी ही बनी रहेगी।