नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को सेना पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में राहत तो दे दी है लेकिन साथ ही कड़ी फटकार भी लगाई है। सर्वोच्च अदालत ने उनको सोच समझ कर बोलने की सलाह दी है। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल से यह भी कहा कि वे लोकसभा में नेता विपक्ष हैं तो उनको संसद में बोलना चाहिए, सोशल मीडिया में नहीं। मामला चीन द्वारा भारत की जमीन हड़प लेने की टिप्पणी का है। राहुल गांधी ने दावा किया था कि चीन ने भारत की दो हजार वर्ग किलोमीटर जमीन कब्जा कर ली है। इस बयान को लेकर राहुल के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज हुआ है।
इस मामले में राहुल को फटकार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, ‘आपको कैसे पता चला कि चीन ने भारत की दो हजार वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है, विश्वसनीय जानकारी क्या है, अगर आप सच्चे भारतीय होते, तो ऐसा नहीं कहते’। अदालत ने आगे कहा ‘जब सीमा पार संघर्ष चल रहा हो, तो क्या आप ये सब कह सकते हैं। आप संसद में सवाल क्यों नहीं पूछ सकते? आप विपक्ष के नेता हैं, संसद में बोलें, सोशल मीडिया पर नहीं बोले।
हालांकि इस फटकार के बाद अदालत ने राहुल गांधी को राहत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने सेना पर आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में लखनऊ की कोर्ट में राहुल के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी। साथ ही इस मामले में शिकायतकर्ता उदय शंकर श्रीवास्तव और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है। गौरतलब है कि 16 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल ने विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था, ‘लोग भारत जोड़ो यात्रा के बारे में पूछेंगे, लेकिन चीन ने दो हजार वर्ग किलोमीटर भारतीय जमीन कब्जा की है, 20 भारतीय सैनिक मारे गए और हमारे सैनिकों को अरुणाचल में पीटा जा रहा है’।
राहुल गांधी के बयान पर बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन यानी बीआरओ के पूर्व निदेशक उदय शंकर श्रीवास्तव ने लखनऊ की एमपी एमएलए कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज कराया था। राहुल को इस मामले को खत्म कराने के लिए हाई कोर्ट पहुंचे थे लेकिन 29 मई को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी और समन भेजा था। उन्होंने समन और शिकायत को चुनौती दी थी, जिसमें कहा था, ‘शिकायत दुर्भावनापूर्ण तरीके से और बदनीयती के तहत दर्ज कराई गई थी’।
बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर निशाना साधा। भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से राहुल गांधी की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है। कांग्रेस पार्टी के नेता के रूप में वह कितने परिपक्व हैं? यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी ने भारत विरोधी मानसिकता दिखाई है’। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने भी राहुल को निशाना बनाया।