nayaindia Mohan Bhagwat मणिपुर हिंसा-चुनाव पर मोहन भागवत के बयान ने बढ़ाई सियासी हलचल

मणिपुर हिंसा-चुनाव पर मोहन भागवत के बयान ने बढ़ाई सियासी हलचल

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का बयान सामने आया है। गौर करने वाली बात यह है कि उन्होंने यह बयान ऐसे वक्त में दिया है, जब नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली है और मंत्रालय का भी बंटवारा हो चुका है। ऐसे में उनके द्वारा दिए गए बयान की टाइमिंग ने सियासी हलचल तेज कर दी है। 

इसके अलावा, उन्होंने अपने बयान में जिन विषयों का चयन किया है, वो भी बड़े पैमाने पर लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। दरअसल, मोहन भागवत ने कहा चुनाव सहमति बनाने की प्रक्रिया है। सहचित्त संसद में किसी भी प्रश्न के दोनों पहलू सामने आए इसलिए ऐसी व्यवस्था है। चुनाव प्रचार में जिस प्रकार एक-दूसरे को लताड़ना, तकनीकी का दुरुपयोग, असत्य प्रसारित करना ठीक नहीं है। राजनीतिक जगत में मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) के इस बयान को सत्तापक्ष के लिए नसीहत के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। इसके अलावा, वो विपक्ष पर भी जोर देते हुए दिख रहे हैं। 

उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि ‘विरोधी’ की जगह ‘प्रतिपक्ष’ होना चाहिए। उनके बयान से यह साफ जाहिर होता है कि वो ऐसा कहकर विपक्ष का पक्ष ले रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) पर भी अपनी बात रखी। मणिपुर में अभी भी हिंसा की आग रह रहकर सुलग जा रही है। शांति स्थापित करने की दिशा में ढेर सारे कदम उठाए गए लेकिन अभी तक इस हिंसा के दबने और इन कदमों के कोई सकारात्मक नतीजे सामने नहीं आए हैं। 

उन्होंने मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) पर कहा एक साल से मणिपुर शांति की राह देख रहा है। इससे पहले 10 साल शांत रहा। पुराना गन कल्चर समाप्त हो गया ऐसा लगा और अचानक जो कलह वहां पर उपजा या उपजाया गया, उसकी आग में अभी तक जल रहा है, त्राहि-त्राहि कर रहा है। इस पर कौन ध्यान देगा? प्राथमिकता देकर उसका विचार करना यह कर्तव्य है। मोहन भागवत के इस बयान को केंद्र की मोदी सरकार के लिए नसीहत के रूप में रेखांकित किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें:

नींद की कमी से बढ़ सकता है ओवेरियन कैंसर का खतरा

पाकिस्तान के पास टी20 वर्ल्ड कप में बने रहने का आज आखिरी मौका, हारे तो…

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें