आज से फिर प्रदेश में दिग्गजों की दस्तक शुरू

भोपाल। वैसे तो इस वर्ष के आखिरी तक पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होना है लेकिन मुख्य मैदान मध्य प्रदेश बन गया है जहां दिग्गजों के दौरे आज से शुरू हो रहे हैं और यह लगातार चुनाव तक चलते रहेंगे क्योंकि हर हाल में देश का दिन जीतना चाहते हैं दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस प्रदेश के नेता जहां गांव गांव घूम रहे हैं। वहीं दिल्ली से भोपाल दौड़ बढ़ गई है।

दरअसल, विधानसभा 2018 के चुनाव परिणाम के बाद की परिस्थिति भी प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस को प्रदेश में सरकार बनाने की उम्मीद जगाए हुए हैं। यही कारण है दोनों दलों के राष्ट्रीय नेता जहां मध्यप्रदेश पर फोकस बनाए हुए हैं। वही रणनीति के अनुसार प्रदेश के विभिन्न अंचलों में जाकर पार्टी के लिए माहौल बनाने में जुट गए हैं। अभी तक जो कार्यक्रम बन गए हैं उसमें आज 21 जुलाई को प्रियंका गांधी ग्वालियर, 22 जुलाई को जगत प्रकाश नड्डा भोपाल 23 जुलाई को, अमित शाह उज्जैन और भोपाल 5 और 6 अगस्त को, अखिलेश यादव खजुराहो में 8 अगस्त को, राहुल गांधी शहडोल में और 13 अगस्त को, मल्लिकार्जुन खड़गे सागर पहुंच रहे हैं।

बहरहाल, जिस तरह से देश में मध्यप्रदेश राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है। लगभग उसी तरह मध्यप्रदेश में चंबल क्षेत्र 2023 का अखाड़ा बनने जा रहा है। विभिन्न कारणों से दोनों ही दलों का फोकस इलाके पर बन गया है। मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 2018 के विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस के स्टार प्रचारक थे और चंबल क्षेत्र में उन्हें भावी मुख्यमंत्री के रूप में कांग्रेस में प्रोजेक्ट भी किया था और सिंधिया समर्थकों का दावा हमेशा रहा है कि सिंधिया के कारण ही चंबल क्षेत्र में कांग्रेस को उम्मीद से ज्यादा सफलता मिली थी लेकिन नगरीय निकाय चुनाव के दौरान और 28 विधानसभाओं के उपचुनाव के दौरान चंबल क्षेत्र का रुक बदला-बदला सा नजर आया और तब से ही कांग्रेस इस उम्मीद में इस इलाके पर जोर दे रही है कि इस बार सिंधिया के ना रहते हुए भी कांग्रेस को अधिकतम सफलता क्षेत्र से मिलेगी।

खासकर सिंधिया से बदला जैसा लेने के लिए पार्टी के साथ – साथ व्यक्तिगत स्तर पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह क्षेत्र में सक्रिय है उनके बेटे जयवर्धन सिंह भी यहां पर सक्रियता बनाए हुए हैं और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ भी शुरू से ही इस क्षेत्र में जमावट करने में जुटे हुए हैं। अपनी तैयारियों को ऊंचाइयां देने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय नेता प्रियंका गांधी की आज ग्वालियर में एक बड़ी सभा कराने कांग्रेस जा रही है। जिसके लिए पिछले 15 दिन से तैयारियां चल रही है। प्रदर्शन से कांग्रेस इस इलाके में अपनी धमक बढ़ाना चाहती है। कांग्रेस की इस क्षेत्र में की जा रही तैयारियों से भाजपा भी सतर्क और सावधान है। इसी कारण इलाके के नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश भाजपा चुनाव समिति का संयोजक बनाया है। तोमर और सिंधिया को भाजपा ने कांग्रेश की तैयारियों से निपटने के लिए विशेष रूप से इस क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी है।
कुल मिलाकर विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा और कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। ऐसे में चंबल क्षेत्र को दोनों ही दल विशेष रूप से फोकस कर रहे हैं क्योंकि सत्ता की चाबी चंबल के पास है लेकिन चंबल क्षेत्र का चतुर मतदाता किस ओर जाएगा। इसको लेकर कोई भी पक्का दावा फिलहाल करने की स्थिति में नहीं है।

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