बिहार में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित होने के बाद राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा है कि विपक्ष की ओर से एक और उप मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया जाएगा। तेजस्वी के साथ उप मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर मल्लाह जाति से आने वाले मुकेश सहनी के नाम की घोषणा हुई है। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में अति पिछड़ा नेता के तौर पर अपनी पहचान बनाई है। इस घोषणा का निश्चित रूप से महागठबंधन को लाभ होगा। लेकिन सवाल है कि अगर एक और डिप्टी सीएम का दावेदार घोषित होगा तो वह किस जाति या समुदाय का होगा?
यह सवाल इसलिए है क्योंकि सहनी के नाम की घोषणा के बाद से महागठबंधन पर हमले हो रहे हैं कि उसने दलित और मुस्लिम को छोड़ दिया। ध्यान रहे बिहार में दलित 20 फीसदी और मुस्लिम 18 फीसदी है। यह सही है कि मुकेश सहनी अति पिछड़ी जाति से आते हैं लेकिन उनकी अपनी जाति का वोट ढाई फीसदी ही है। अगर महागठबंधन की ओर से मुस्लिम उप मुख्यमंत्री का दावेदार घोषित होता है तो कहा जा रहा है कि वह राजद का होगा। यह कांग्रेस के लिए झटका माना जाएगा। गौरतलब है कि कांग्रेस ने दलित समुदाय से आने वाले राजेश राम को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। अगर उनको उप मुख्यमंत्री का दावेदार नहीं बनाया जाता है तो इसका नुकसान हो सकता है। क्योंकि बहुजन समाज पार्टी और आजाद समाज पार्टी दोनों उसी दलित वोट में सेंध मार रहे हैं, जिसके नेता राजेश राम हैं। यह भी कहा जा रहा है कि दो या तीन उप मुख्यमंत्री का दावेदार बनाना चुनावी रूप से बहुत लाभदायक नहीं होगा। क्योंकि इससे सत्ता के बंदरबाट का आरोप लगाने में एनडीए को आसानी हो जाएगी।


