भारतीय जनता पार्टी को कई राज्यों में संगठन में फेरबदल करनी है। दो राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष केंद्र में मंत्री बन गए हैं। इसलिए उन राज्यों में तो नए अध्यक्षों की नियुक्ति की जानी है। गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल को केंद्र में मंत्री बनाया गया है। उन्होंने संगठन में बहुत काम किया है। यह अलग बात है कि गुजरात की हर सीट पांच लाख के अंतर से जीतने का उनका लक्ष्य पूरा नहीं हुआ, उलटे लगातार दो चुनाव में सभी सीटें जीतने के बाद पहली बार भाजपा राज्य में एक सीट पर हारी है। फिर भी उनको केंद्र में मंत्री बनाया गया है। वहां पार्टी को नया अध्यक्ष बनाना होगा।
इसी तरह पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को भी केंद्र में राज्य मंत्री बनाया गया है। वे दिलीप घोष की जगह पार्टी के अध्यक्ष बने थे। वहां भाजपा को नया अध्यक्ष बनाना है। ध्यान रहे पश्चिम बंगाल में भाजपा बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। उसका वोट प्रतिशत भी कम हुआ और सीटें भी कम हुईं। हालांकि इसका ठीकरा विधायक दल के नेता शुभेंदु अधिकारी पर फूटा है। कहा जा रही है कि राज्य में ममता बनर्जी का मुकाबला करने के लिए भाजपा कोई महिला अध्यक्ष भी बना सकती है। आंध्र प्रदेश की अध्यक्ष डी पुरंदेश्वरी मंत्री नहीं बन पाई हैं लेकि उनको स्पीकर बनाए जाने की चर्चा हो रही है। अगर ऐसा होता है तो वहां भी नया अध्यक्ष नियुक्त करना होगा। राजधानी दिल्ली में सातों सीटों पर जीतने के बाद भाजपा ने पंजाबी समाज के हर्ष मल्होत्रा को मंत्री बनाया है। तभी कहा जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को बदला जा सकता है।