बिहार में महागठबंधन के नेताओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आपसी विवाद सुलझाने का दावा किया है। हालांकि इसमें कितनी कामयाबी नहीं मिलेगी, नहीं कहा जा सकता है। लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस के अंदर के झगड़े का निपटारा कैसे होगा? कांग्रेस के अंदर झगड़ा इतना बढ़ गया है कि दिल्ली से अशोक गहलोत महागठबंधन का झगड़ा निपटाने पहुंचे तो उन्होंने प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के पूरी तरह से अलग रखा। उनके साथ बिहार के प्रभारी कृष्णा अल्लावरू थे और लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव व संजय यादव के साथ जो तस्वीर जारी की गई उसमें झारखंड कांग्रेस के नेता कुमार गौरव सिंह दिखे। कुमार गौरव झारखंड कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे दिवंगत राजेंद्र सिंह के बेटे हैं।
गहलोत और अल्लावरू ने लालू परिवार के साथ बातचीत की तो उसमें न राजेश राम को रखा गया और न अखिलेश प्रसाद सिंह, शकील अहमद खान, तारिक अनवर या मदन मोहन झा को शामिल किया गया। इसका कारण यह है कि पार्टी के प्रदेश नेताओं में घमासान छिड़ा है। कटिहार के सांसद तारिक अनवर ने खुलेआम टिकट में गड़बड़ी के आरोप लगाए हैं तो प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम का एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें वे अपने को पूरी तरह से असहाय बता रहे हैं। राज्यसभा सांसद और पूर्व अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह पूरी कोशिश के बावजूद बेटे आकाश सिंह के लिए टिकट नहीं ले पाए लेकिन पार्टी के नेता उनको राजद का करीबी बता कर हर राजनीतिक फैसले से दूर रखे हुए हैं। कृष्णा अल्लावरू, पप्पू यादव, राजेश राम, शकील अहमद खान आदि सब पर पैसे लेकर टिकट देने के आरोप लगे हैं और यह भी आरोप लगा है कि राजद के साथ संबंधों को इन्होंने गलत तरीके से हैंडल किया, जिससे कई सीटों पर कांग्रेस चुनाव हार सकती है।


