nayaindia भोजपुरी फिल्म के सितारों का चुनावी अभियान: बिहार से दूर क्यों?

भोजपुरी सितारे बिहार से क्यों नहीं लड़ते?

भोजपुरी फिल्म के सितारों

यह बड़ा दिलचस्प सवाल है कि भोजपुरी भाषा का सबसे बड़ा क्षेत्र बिहार है लेकिन भोजपुरी फिल्म के सितारे बिहार से चुनाव क्यों नहीं लड़ते? सारे भोजपुरी सितारे (Star) उत्तर प्रदेश या दिल्ली से लड़ते हैं। पार्टियां उनको पश्चिम बंगाल तक में टिकट दे देती है। लेकिन बिहार में न फिल्मी सितारे खुद लड़ना चाहते हैं और न पार्टियां उनको टिकट देती हैं।

भोजपुरी के दो बड़े स्टार कलाकार रविकिशन और दिनेश लाल यादव निरहुआ उत्तर प्रदेश की गोरखपुर और आजमगढ़ सीट से सांसद हैं।और भाजपा ने दोनों को इस बार भी टिकट दी है। इसी तरह दिल्ली से दो बार सांसद रह चुके मनोज तिवारी को एक बार फिर भाजपा ने टिकट दे दी है। भाजपा ने चौथे स्टार पवन सिंह को पश्चिम बंगाल की आसनसोल सीट से टिकट दिया था।

यह अलग बात है कि पवन सिंह वहां से चुनाव लड़ने को तैयार नहीं हुए क्योंकि उनसे बहुत बड़ी बिहारी पहचान वाले शत्र्घ्न सिन्हा वहां से तृणमूल कांग्रेस के सांसद हैं। पवन सिंह बिहार में सारण, आरा या औरंगाबाद में किसी सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन भाजपा ने उनको टिकट नहीं दी। वे राजद के संपर्क में भी थे लेकिन उसने भी उनको उम्मीदवार नहीं बनाया।

भोजपुरी के फिल्मी सितारे बिहार से इसलिए नहीं लड़ते है क्योंकि तमाम लोकप्रियता के बावजूद चुनाव में वोटिंग के समय उनकी जाति आड़े आ जाएगी। सामाजिक समीकरण अगर ठीक नहीं रहा तो लोकप्रियता काम नहीं आएगी। लेकिन अगर वे बिहार से बाहर लड़ते हैं तो उनको भोजपुरी पहचान के दम पर चुनाव जीत सकते हैं। वहां उनको सभी जातियों का वोट मिल जाएगा।

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