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नीतीश की आत्मघाती सोच से परेशान नेता

जनता दल यू को लेकर क्यों इतनी खबरें चल रही हैं और क्यों इतनी अटकलें लगाई जा रही हैं? एक तरफ कहा जा रहा है कि वे फिर भाजपा के साथ एनडीए में लौटने वाले हैं तो दूसरी ओर कहा जा रहा है कि वे बहुत जल्दी राजद नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनवा देंगे। राजद और जदयू के विलय की अफवाहें हैं तो एनडीए में जाकर भाजपा की सरकार बनवाने की भी चर्चा हो रही है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि नीतीश कुमार के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक नीतीश कुमार बातें भूल रहे हैं और सही तरीके से सोच नहीं पा रहे हैं। निजी आचरण में भी ऐसी बातें देखने को मिल रही हैं।

पार्टी के एक जानकार नेता के मुताबिक नीतीश कुमार ने पिछले दिनों विधानसभा भंग करके लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने की बात कही और साथ ही यह भी कहा कि जदयू को अकेले लड़ना चाहिए। यह बात उन्होंने बहुत भरोसे के नेताओं से कही। लेकिन कोई भी विधायक दो साल पहले चुनाव में जाने को तैयार नहीं है और अकेले लड़ने को तो न सांसद तैयार हैं और न विधायक। उनको लग रहा है कि अगर इस आत्मघाती सोच में नीतीश ने विधानसभा भंग करने और अकेले लड़ने का फैसला कर लिया तो सब हारेंगे। इसलिए वे भाजपा या राजद में अपना भविष्य देख रहे हैं। ज्यादातर नेता भाजपा के साथ जाने की जोड़-तोड़ में हैं तो थोड़े से नेता राजद में संभावना देख रहे हैं। जो नजदीकी नेता हैं वे फैसला टलवाने और भाजपा के साथ जाने की जी-जान से कोशिश में लगे हैं।

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