nayaindia Bihar politics बिहार में बहुमत का सस्पेंस बढ़ा

बिहार में बहुमत का सस्पेंस बढ़ा

बिहार में नीतीश कुमार की सरकार को 12 फरवरी को बहुमत साबित करना है। उससे पहले वे दिल्ली पहुंचे और प्रधानमंत्री से मुलाकात की। सरकार में शामिल चार विधायकों वाली पार्टी के नेता जीतन राम मांझी भी दिल्ली पहुंचे हैं। वे प्रधानमंत्री और भाजपा के बड़े नेताओं से मिल कर इस बात की शिकायत करने वाले हैं कि उनके बेटे संतोष सुमन को छोटा मंत्रालय दिया गया है। हालांकि खबर है कि कांग्रेस के एक बड़े नेता से दिल्ली में उनकी मुलाकात होनी है। अगर उनके चार विधायक साथ छोड़ देंगे तो सरकार का बहुमत सिर्फ दो विधायकों का रह जाएगा। जनता दल यू और भाजपा के कुछ विधायकों के बारे में भी कहा जा रहा है कि लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव ने उनसे संपर्क किया है। उनको मंत्री पद से लेकर लोकसभा की टिकट तक का प्रलोभन दिया जा रहा है।

इस बीच दो और बातें चर्चा में आई हैं। पहली बात भाजपा की मंशा को लेकर है। कहा जा रहा है कि भाजपा पूरी ईमानदारी से नीतीश के साथ नहीं है और वह सरकार बचाने की कोशिश नहीं कर रही है। सरकार गिर जाने पर राष्ट्रपति शासन लग जाएगा और तब अपने आप कमान केंद्र सरकार के हाथ में आ जाएगी। दूसरी बात नीतीश कुमार की मंशा को लेकर है। कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार पहले से चाह रहे हैं कि लोकसभा के साथ ही विधानसभा का चुनाव हो जाए। पहले राजद ने और बाद में भाजपा ने उनके इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। तभी कहा जा रहा है कि वे जान बूझकर ऐसे काम कर रहे हैं कि सरकार गिर जाए और चुनाव की नौबत आ जाए। हालांकि सरकार गिरने पर गेंद भाजपा के पाले में चली जाएगी।

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