भाजपा नेता और सहयोगी भी चिंतित

भाजपा नेता और सहयोगी भी चिंतित

नीतीश कुमार के फिर से एनडीए में लौटने की खबरों से भाजपा के कई नेता परेशान हैं तो कई सहयोगी पार्टियां चिंता में हैं। हालांकि भाजपा आलाकमान ने सबको भरोसा दिलाया है कि नीतीश के दबाव में किसी को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। फिर भी नेताओं की चिंता खत्म नहीं हो रही है। सबसे ज्यादा चिंता में लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के नेता चिराग पासवान हैं। उनकी वजह से 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा था। चिराग ने नीतीश के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार उतार दिया था। इसकी वजह से नीतीश के नाम पर लड़ कर भाजपा को 75 सीट जीत गई लेकिन खुद नीतीश 43 ही सीट जीत पाए।

तब से नीतीश ने गांठ बांधी और चिराग पासवान को निपटाया। उनकी पहल पर चिराग की पार्टी टूटी और उनके चाचा पशुपति पारस पांच सांसदों को लेकर अलग हुए। नीतीश ने भाजपा से बात कर उनको लोकसभा में असली गुट की मान्यता दिलाई और पारस को केंद्र में मंत्री बनवाया। बाद में चिराग को अपने पिता का दशकों पुराना बंगला खाली करना पड़ा। सो, वे आशंकित हैं कि फिर नीतीश उनका नुकसान कर सकते हैं। इसी तरह नीतीश को छोड़ कर गए उपेंद्र कुशवाहा भी चिंता में हैं तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की भी चिंता बढ़ है क्योंकि उन्होंने इस संकल्प के साथ पगड़ी बांधी थी कि नीतीश को सत्ता से हटा कर ही पगड़ी खोलेंगे। अब उनको भी नीतीश के साथ समझौता करना पड़ रहा है।

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