भाजपा और जनता दल यू की ओर से शह मात का खेल चल रहा है। दोनों पार्टियों के बीच तालमेल की बात चल रही है। नीतीश कुमार भले विपक्षी गठबंधन का हिस्सा हैं लेकिन उनकी पार्टी भाजपा के भी संपर्क में है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 13 जनवरी को बिहार जाने का कार्यक्रम बना तो उधर नीतीश कुमार का
कार्यक्रम 21 जनवरी को झारखंड के रामगढ़ जाने का था। प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम अचानक रद्द हुआ तो नीतीश कुमार का कार्यक्रम भी रद्द कर दिया गया। अब प्रधानमंत्री मोदी के 27 जनवरी को बिहार जाने की चर्चा है तो जदयू ने ऐलान किया है कि नीतीश तीन फरवरी को झारखंड जाएंगे।
बताया जा रहा है कि नीतीश मकर संक्रांति से पहले कोई फैसला नहीं करना चाह रहे थे तो भाजपा 22 जनवरी को राम जन्मभूमि मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम से पहले कोई राजनीतिक फैसला नहीं चाहती थी। इसलिए 27 जनवरी की प्रस्तावित यात्रा बेहद अहम है। उस दिन तक भाजपा और जदयू में सब कुछ तय हो जाएगा। जानकार सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार गठबंधन में 17 सीटों पर लड़ना चाहते हैं, जितनी सीटों पर वे पिछली बार भाजपा के साथ लड़े थे। लेकिन इस बार कहा जा रहा है कि पांच सीटें बिहार से बाहर हो सकती हैं। इसमें झारखंड, उत्तर प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश का नाम लिया जा रहा है। हालांकि सीट संख्या से ज्यादा मुख्यमंत्री पद की मांग पर बात ज्यादा अटक रही है। वह पेंच अगले 10 दिन में सुलझ गया तो बिहार में एक बार फिर गठबंधन बदल हो जाएगा और अगर भाजपा नीतीश को सीएम बनाने को राजी नहीं होती है तो मौजूदा गठबंधन चलता रहेगा।