भारतीय जनता पार्टी 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश के ब्राह्मणों को खुश करने की कोशिश कर रही है।(up election 2027)
केंद्र में नरेंद्र मोदी और राज्य में योगी आदित्यनाथ के राज में ब्राह्मणों को वैसे जो भी फायदा हुआ हो लेकिन उत्तर प्रदेश का ब्राह्मण समाज मानता है कि उनको अपनी क्षमता और हैसियत से कम मिला है।
ऊपर से ब्राह्मणों की हत्या, मुठभेड़ आदि को लेकर भी नाराजगी रही है। राज्य में ठाकुरवाद का बोलबाला होने की बात भी अक्सर कही जाती है खास कर अधिकारियों की पोस्टिंग में। तभी संगठन के चुनावों में भाजपा ने ब्राह्मणों का खास ख्याल रखा है।
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भाजपा ठाकुर, ब्राह्मण और पिछड़ा का समीकरण बनाएगी (up election 2027)
उत्तर प्रदेश में भाजपा ने 70 जिलों में नए जिला अध्य़क्ष बनाए हैं, जिनमें से 19 जिलों में ब्राह्मण अध्यक्ष नियुक्त हुए हैं। इसके अलावा 25 जिलों में ओबीसी अध्यक्ष बनाए गए हैं। एक अनुमान के मुताबिक राज्य में ओबीसी आबादी 50 फीसदी है लेकिन उसके सिर्फ 25 अध्यक्ष हैं, जबकि 19 ब्राह्मण अध्यक्ष हैं।
ओबीसी में ज्यादातर अध्यक्ष गैर यादव हैं। इतनी बड़ी संख्या में ब्राह्मण जिला अध्यक्ष बनाने के बाद एक संभावना यह मानी जा रही है कि अब प्रदेश अध्यक्ष कोई पिछड़ा होगा। (up election 2027)
अभी जाट समाज के भूपेंद्र चौधरी प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनकी जगह किसी गैर यादव पिछड़ा को प्रदेश की कमान सौंपी जा सकती है। इस तरह भाजपा ठाकुर, ब्राह्मण और पिछड़ा का समीकरण बनाएगी।