उत्तर प्रदेश की कैसरगंज सीट के निवर्तमान सांसद और अखिल भारतीय कुश्ती महासंघ पर दशकों से एकछत्र राज कर रहे विवादित नेता बृजभूषण शरण सिंह बहुत दिलचस्प राजनीति कर रहे हैं। हालांकि इस बार वे लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उनकी जगह भाजपा ने उनके बेटे करण सिंह को टिकट दिया है। बृजभूषण सिंह ही बेटे को चुनाव लड़वा रहे हैं और अपने को किंगमेकर भी कह रहे हैं। लेकिन दिलचस्प यह है कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक लाइन पर नहीं चल रहे हैं। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के सारे नेता योगी की बुलडोजर नीति के नाम पर चुनावी वैतरणी पार करना चाहते हैं वही बृजभूषण सिंह इस नीति का खुल कर विरोध कर रहे हैं।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी योगी आदित्यनाथ की बुलडोजर नीति का समर्थन किया था। उत्तर प्रदेश की एक सभा में प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस अगर चुनाव जीत गई और सत्ता में आई तो वह अयोध्या में बने राममंदिर पर बुलडोजर चलवा देगी। इसी क्रम में उन्होंने मंच पर मौजूद मुख्यमंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा कि लोगों को सीखना चाहिए कि बुलडोजर कहां और कैसे चलाया जाता है। ध्यान रहे उत्तर प्रदेश में आमतौर पर बुलडोजर न्याय का शिकार एक खास धर्म के लोग ही हुए हैँ।
बहरहाल, मोदी के समर्थन के बावजूद बृजभूषण ने इस नीति का विरोध किया। उन्होंने कहा कि उनको यह पसंद नहीं है कि बिना किसी कानूनी कार्रवाई के किसी के घर पर बुलडोजर चला दिया जाए। ध्यान रहे बृजभूषण सिंह महिला पहलवानों का यौन शोषण करने के आरोप में घिरे हैं और दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने कहा है कि उनके खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। इस मामले की वजह से ही भाजपा ने इस बार उनको टिकट नहीं दिया। फिर भी बुलडोजर नीति पर उनका स्टैंड बहुत तार्किक और मानवीय है।
उन्होंने कहा कि आम आदमी के लिए घर बनाना एक बड़ा सपना होता है। कोई गहने बेच कर घर बनाता है तो कोई कर्ज लेकर घर बनाता है। उन्होंने कहा कि जब घर बन रहा होता है तब कोई कुछ नहीं बोलता है। घर बनने दिया जाता है। लेकिन बन जाने के बाद अवैध निर्माण या जमीन कब्जा करने के आरोप में घर पर बुलडोजर चला दिया जाए, यह ठीक नहीं है। बृजभूषण ने हालांकि साथ ही यह भी कहा कि योगी आदित्यनाथ के साथ उनके बहुत अच्छे संबंध हैं लेकिन वे इस नीति के खिलाफ हैं। ऐसा माना जा रहा है कि अपने क्षेत्र में बृजभूषण को हर जाति और धर्म का समर्थन मिलता है। तभी वे समाजवादी पार्टी की टिकट से भी जीत चुके हैं और इसलिए वे बुलडोजर नीति का विरोध कर रहे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि ऊपर के इशारे पर वे योगी के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं। इसके साथ ही यह भी चर्चा है कि वे भाजपा से अलग भी अपनी राजनीति की संभावना देख रहे हैं इसलिए उन्होंने योगी आदित्यनाथ की इस नीति का विरोध किया है।