Wednesday

30-04-2025 Vol 19

छठ नहीं करा सके पर दीपोत्सव होगा

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यह कमाल दिल्ली में हो रहा है और कमाल कर रहा दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी डीडीए। डीडीए की ओर से यमुना के किनारे दीपोत्सव का आयोजन होने जा रहा है। सोचें, कैसी विडम्बना है कि दिल्ली में यमुना इतनी गंदी है कि उसमें छठ की पूजा नहीं हो सकी लेकिन दीपोत्सव का आयोजन होगा! गौरतलब है कि दिल्ली में 33 किलोमीटर से कुछ ज्यादा क्षेत्र में यमुना नदी गुजरती है और पूरे क्षेत्र में वह मृतप्राय हो गई है। पर्यावरण का अध्ययन करने वाली तमाम एजेंसियों ने दिल्ली के हिस्से में यमुना को मृत मान लिया है। इसके पानी में गंदगी की मात्रा सामान्य से कई सौ गुना ज्यादा हो गई है। सबने माना है कि इसका पानी नहाने या छूने के लायक नहीं है। इसी आधार पर दिल्ली हाई कोर्ट ने यमुना के किनारे छठ पूजा की अनुमति नहीं दी।

हाई कोर्ट ने कहा कि छठ पूजा में लोगों को नदी में खड़ा रहना होता है और नदी का पानी इतना गंदा है कि उसमें खड़े होने से सेहत बिगड़ सकती है। इसलिए हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के बनाए 11 सौ कृत्रिम घाटों में से कहीं छठ करने को कहा। परंतु अब खबर है कि डीडीए ने यमुना के सुखदेव घाट पर दीपोत्सव कराने का फैसला किया है। 13 नवंबर को डीडीए की ओर से दीपोत्सव का आयोजन होगा, जिसमें साढ़े तीन लाख दीये जलाए जाएंगे। जिस तरह से अयोध्या में सरयू के किनारे योगी आदित्यनाथ की सरकार दीपोत्सव कराती है उसी तरह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दिल्ली में दीपोत्सव कराएगी। गौरतलब है कि डीडीए भारत सरकार के अधीन है और दिल्ली के उप राज्यपाल उसके पदेन अध्यक्ष होते हैं। तीन महीने में दिल्ली में विधानसभा का चुनाव होने वाला है। उसमें भाजपा उत्तर प्रदेश की तरह हिंदू वोटों की एकजुटता का प्रयास कर रही है। इस बीच केंद्र सरकार की एक एजेंसी पूजा करने के लायक नहीं रह गई यमुना के किनारे साढ़े तीन लाख दीये जला कर दीपोत्सव मनाने के आइडिया के साथ आगे आई है। अब देखना है कि अगले तीन महीने और क्या क्या होता है।

NI Political Desk

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