delhi assembly election 2025: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में मायावती की पार्टी बसपा लगातार अपनी प्रासंगिकता खोती जा रही है।
उनकी पार्टी को एक समय छह फीसदी तक वोट मिलते थे और उनके विधायक दिल्ली में जीतते थे लेकिन पिछले चुनाव में बसपा का वोट एक फीसदी से नीचे आ गया।(delhi assembly election 2025)
दिल्ली विधानसभा के पिछले दो चुनावों से दलित और मुस्लिम का करीब 30 फीसदी वोट सीधे तौर पर आम आदमी पार्टी की ओर शिफ्ट हो रहा है।
इस बार मायावती किसी तरह से अपने वोट प्रतिशत में सुधार के लिए लगी हैं। हालांकि चुनाव प्रचार एक हफ्ते रह गए हैं और अभी तक उनकी दिल्ली में कोई रैली नहीं हुई है।(delhi assembly election 2025)
लेकिन खबर है कि वे दिल्ली में बैठी हैं और लगातार प्रचार को मॉनिटर कर रही हैं। उन्होंने दिल्ली को पांच जोन में बांट कर हर जोन में दो दो वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी दी है।
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मायावती के भतीजे और उनके उत्तराधिकारी आकाश आनंद दिल्ली का चुनाव लड़ा रहे हैं लेकिन मायावती लखनऊ छोड़ कर दिल्ली में ज्यादा समय दे रही हैं तो इसका मतलब है कि वे गंभीर हैं।(delhi assembly election 2025)
दिल्ली में बसपा ने 70 में से 68 सीटों पर उम्मीदवार उतारा है। उन्होंने सबसे पहले अपने जाटव वोट आधार को सुरक्षित करने का फैसला किया है।
चंद्रशेखर आजाद के आजाद समाज पार्टी की वजह से यह वोट टूट रहा है। तभी मायावती ने दिल्ली में 32 जाटव उम्मीदवार उतारे।
उन्होंने दिल्ली में कुल 45 दलित उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि यहां 12 सीटें ही अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। उन्होंने 33 सामान्य सीटों पर दलित उतारे हैं।(delhi assembly election 2025
आजाद समाज पार्टी भी 15 सीटों पर लड़ रही है लेकिन इसमें से कई सामान्य सीटें हैं। तभी मायावती को जाटव वोट की उम्मीद है।
अगर वे जाटव वोट में सेंध लगाने में कामयाब होती हैं तो उनकी पार्टी का तो फायदा होगा ही साथ ही आम आदमी पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है, जिसका फायदा भाजपा को होगा।(delhi assembly election 2025)