Wednesday

30-04-2025 Vol 19

चुनाव प्रचार और दिल्ली का दुर्भाग्य

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Delhi Election 2025: दिल्ली में विधानसभा के चुनाव चल रहे हैं और दिल्ली का दुर्भाग्य देखिए कि सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और मुख्य विपक्षी भाजपा दोनों के प्रचार में यहां की समस्याओं का कोई जिक्र नहीं है।

कांग्रेस शून्य पर है तो वह कई मुद्दे उठा रही है लेकिन उसका कोई मतलब नहीं है। कायदे से भाजपा को दिल्ली की जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ना चाहिए था।

लेकिन दिल्ली का प्रशासनिक ढांचा ऐसा है कि बहुत सारी चीजों की जिम्मेदारी सीधे केंद्र सरकार की है, जहां करीब 11 साल से भाजपा की सरकार है।(Delhi Election 2025)

जितने समय से दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है उससे ज्यादा समय से केंद्र में भाजपा की सरकार है। सो, दिल्ली की समस्याओं के लिए दोनों समान रूप से जिम्मेदार हैं।

तभी दोनों दिल्ली की समस्याओं की बजाय बिल्कुल फालतू के मुद्दों पर चुनाव लड़ रहे हैं। वह दिल्ली की जनता से जुड़े मुद्दों पर विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ रही है। दिल्ली की जनता के मुद्दे नेपथ्य में हैं।

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दिल्ली में प्रदूषण पर भारतीय जनता पार्टी भी बात नहीं कर रही है क्योंकि फिर उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार की भी बात करनी होगी।

आखिर दिल्ली की तरह ही प्रदूषण एनसीआर के शहरों में भी है, जो सभी शहर भाजपा शासित हैं। दिल्ली के प्रदूषण में इन राज्यों का भी हाथ होता है।(Delhi Election 2025)

इसी तरह यमुना की सफाई का मामला भी दबी जुबान में उठाया जा रहा है क्योंकि यमुना की हालत जैसी दिल्ली में है उससे कोई खास बेहतर हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी नहीं है।

शहरों की गंदगी और नालों की सफाई को बारे में भी चर्चा कम ही है क्योंकि दो साल पहले तक को दिल्ली नगर निगम में भाजपा का ही कब्जा था और भाजपा ने जो सिस्टम बनाया वही सिस्टम दो साल से आम आदमी पार्टी के नेतृत्व में दिल्ली नगर निगम में चल रहा है।

दिल्ली में अपराध बढ़ने और दिल्ली के गैंगेस्टर कैपिटल बनते जाने के मुद्दे पर तो भाजपा बोल ही नहीं सकती है क्योंकि कानून व्यवस्था का मुद्दा सीधे केंद्र सरकार के हाथ में है।

अपराध नियंत्रण केंद्रीय गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है। ट्रैफिक और जमीन से जुड़ी समस्याओं पर भी भाजपा की ओर से कुछ नहीं कहा जाता है क्योंकि अंततः पुलिस और डीडीए उसी के अधीन हैं।

साथ ही दिल्ली से गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग भी केंद्र का ही जिम्मा हैं। दिल्ली  के चारों तक कुछ सड़कें बन रही हैं लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं।

भाजपा के प्रचार की थीम नहीं(Delhi Election 2025)

तभी दिल्ली के लोगों की जितनी भी बुनियादी समस्याएं हैं वे भाजपा के प्रचार की थीम नहीं है। उन पर दिल्ली सरकार को नहीं घेरा जा सकता है।

दिलचस्प बात यह है कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी भी अपने प्रचार में इनमें से ज्यादातर मुद्दे नहीं उठा रहे हैं। क्योंकि यमुना की सफाई का वादा केजरीवाल का भी था।

प्रदूषण कम करने का भी वादा उनका था। शहर की सफाई, नालों से गाद निकालने और प्रदूषण खत्म करने का वादा भी केजरीवाल का था। इसलिए वे भी इन मुद्दों पर चुप्पी साधे हुए हैं।

ले देकर उनके पास केंद्र को घेरने के लिए अपराध का मुद्दा है। उसे जरूर वे उठा रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर भाजपा ने पुलिस की सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस के आंकड़ों के आधार पर दावा किया है कि दिल्ली में अपराध कम हुआ है।

ज्यादातर अपराधों की संख्या में कमी आई है। हालांकि अखबारों की खबरों में देखें तो हर दिन ऑर्गेनाइज्ड क्राइम से जुड़ी ढेरों खबरें आती हैं।

सो, यह दिल्ली का दुर्भाग्य है कि यहां के मुद्दे उठाने का पांच साल पर जो एक मौका आता है उस मौके पर भी जरूरी मुद्दे नहीं उठाए जाते।

NI Political Desk

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