कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने अपनी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की नींद उड़ा रखी है। वे जब महाकुंभ में स्नान के लिए प्रयागराज गए या महाशिवरात्रि के ऐसे धार्मिक आयोजन में शामिल हुए, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे तभी से कांग्रेस में चिंता बढ़ी है। इस बीच उनको प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की चर्चा चली परंतु उन्होंने और उनके समर्थकों ने इस चर्चा को सिरे से खारिज कर दिया। अब कहा जा रहा है कि वे या तो मुख्यमंत्री बनेंगे या फिर प्रदेश अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री दोनों बने रहेंगे। इस बीच उन्होंने मंदिर मंदिर घूमना शुरू कर दिया है। इस बात की भी कांग्रेस में काफी चर्चा हो रही है। पहले प्रदेश में हो रही थी और दिल्ली में इस बात पर गंभीर चर्चा चल रही है।
हालांकि शिवकुमार कह चुके हैं वे हिंदू हैं और हिंदू ही मरेंगे। फिर भी उनके एक के बाद एक मंदिरों का दौरा करने पर सवाल उठ रहे हैं। पिछले हफ्ते गुरुवार को कांग्रेस सरकार की कैबिनेट बैठक होने वाली थी उससे पहले डीके शिवकुमार श्री माले महादेश्वर मंदिर में दर्शन करने गए। वे वहां के पुजारियों सालुरू बृहन्नाथ और श्री शांतामल्लिकार्जुन स्वामी से भी मिले। इससे ठीक पहले वे सुतार मठ के जगद्गुरू श्री शिवरात्रि देशिकेंद्र स्वामी से मिले थे। उससे कुछ ही दिन पहले वे भगवान मंजूनाथ के दर्शन करने श्रीक्षेत्र धर्मस्थल गए थे। उनके मंदिर दर्शन को लेकर राज्य सरकार के मंत्री केएन राजन्ना ने सवाल उठाया था। इस पर शिवकुमार के भाई और पूर्व सांसद डीके सुरेश ने उनका बचाव किया। माना जा रहा है कि शिवकुमार अपनी पार्टी को मिला जुला संकेत दे रहे हैं साथ ही वे आम जनता के बीच भी अपनी छवि कांग्रेस से अलग एक हिंदुवादी नेता की बनाना चाह रहे हैं।