ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ तालमेल करने का मन बना लिया है। इसलिए एक बार फिर से अरविंदर सिंह लवली को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है। अनिल चौधरी की जगह नया अध्यक्ष बनाने की चर्चा काफी दिन से चल रही थी। लेकिन मुश्किल यह थी कि प्रदेश कांग्रेस के ज्यादातर नेता ऐसे थे, जो केजरीवाल का विरोध करते थे और उनकी पार्टी के साथ तालमेल के समर्थन में नहीं थे। पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित सबसे मुखर विरोधी थे और अब भी हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय माकन भी केजरीवाल विरोधी हैं और अलका लाम्बा तो सबसे मुखर विरोधी हैं। शीला सरकार में मंत्री रहे नरेंद्र नाथ हों या रमाकांत गोस्वामी या किरण वालिया सब केजरीवाल विरोधी हैं।
दूसरी ओर अरविंदर सिंह लवली ऐसे नेता हैं, जो आलाकमान के इशारे पर काम करने वाले हैं। वे समझौते के लिए तैयार रहते हैं। दूसरे, उन्होंने कभी भी केजरीवाल या उनकी पार्टी के खिलाफ बयानबाजी नहीं की है। यह अलग बात है कि पहली बार कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटने के बाद वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। खुद अमित शाह ने पार्टी में उनका स्वागत किया था। लेकिन वहां कुछ खास हासिल नहीं हुआ तो एक साल के अंदर ही वे वापस कांग्रेस में लौट गए। गांधीनगर सीट से कई बार विधायक रहे लवली पार्टी के तमाम पुराने नेताओं को एकजुट रख सकते हैं और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में तालमेल का भी समर्थन करेंगे।


