चार बड़े राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद अब कांग्रेस को नई नियुक्तियां करनी हैं। तेलंगाना में तो पार्टी ने विधायक दल का नेता चुन लिया और रेवंत रेड्डी की शपथ भी हो गई। लेकिन बाकी तीन राज्यों में कांग्रेस को विधायक दल का नेता चुनना है। यह तय है कि कांग्रेस राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के बड़े नेताओं को किनारे करेगी लेकिन उनकी मर्जी के बगैर विधायक दल का नेता नियुक्त करना आसान नहीं होगा। फिर भी कांग्रेस ऐसे नेता चुनेगी, जिनकी कमान में विपक्ष के तौर पर कांग्रेस प्रभावी भूमिका निभाए क्योंकि पांच महीने में लोकसभा के चुनाव होने वाले हैं। कांग्रेस को जिस तरह वोट मिला है उसमें लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की आस जगी है।
विधायक दल के नेता के साथ साथ कांग्रेस को नए प्रदेश अध्यक्ष भी नियुक्त करने हैं। मध्य प्रदेश में कमलनाथ छह साल से प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे 2017 में अध्यक्ष बने थे। उनकी जगह नया और अपेक्षाकृत युवा नेता को प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी है। उधर तेलंगाना में रेवंत रेड्डी मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली करेंगे। सो, वहां भी नया प्रदेश अध्यक्ष जल्दी से जल्दी नियुक्त करना होगा। ताकी लोकसभा चुनाव के लिए संगठन काम शुरू हो। राजस्थान में गोविंद सिंह डोटासरा प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनके विधायक दल का नेता बनने की भी चर्चा है। अगर वे नेता विपक्ष नहीं बनते हैं तो कुछ दिन तक प्रदेश अध्यक्ष बने रह सकते हैं। छत्तीसगढ़ में चुनाव से कुछ समय पहले ही पार्टी ने मोहन मरकाम को हटा कर अपने सांसद दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। इसलिए वे लोकसभा चुनाव तक प्रदेश अध्यक्ष बने रह सकते हैं।