पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है लेकिन उससे पहले ही भाजपा की चुनावी मशीनरी ने अगले साल के लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री मोदी शनिवार से सोमवार तक तेलंगाना में थे। लगातार तीन दिन तक रैलियां और रोड शो करने के बाद प्रधानमंत्री दिल्ली लौटे तो मंगलवार को उन्होंने अपने मंत्रिपरिषद की बैठक की। जिस दिन तेलंगाना में प्रचार समाप्त हो रहा था उस दिन मोदी दिल्ली में लोकसभा चुनाव के लिहाज से अपनी तैयारियों की रूप-रेखा बना रहे थे। उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठक में सभी मंत्रियों से कहा कि वे पूरे देश का दौरा करेंगे। सिर्फ अपने चुनाव क्षेत्र या अपने राज्य का नहीं, बल्कि पूरे देश का दौरा करें और देखें कि केंद्र सरकार की योजनाएं पर किस तरह से अमल हो रहा है।
ध्यान रहे केंद्र सरकार आधिकारिक तौर पर अपनी योजनाओं का प्रचार पहले ही शुरू कर चुकी है। इसके लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू हुई है और तमाम आधुनिक सुविधाओं और तकनीक से लैस रथ पूरे देश में घूम रहे हैं। संयुक्त सचिव स्तर के आईएएस अधिकारी इन यात्राओं की निगरानी और नेतृत्व कर रहे हैं। उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मंत्रियों को पूरे देश का दौरा करने और केंद्र सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी देने और उन्हें योजनाओं से जोड़ने की जिम्मेदारी दी है। असल में प्रधानमंत्री मोदी सरकारी तौर पर और राजनीतिक तौर पर भी केंद्रीय योजनाओं के ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों तक पहुंचना चाहते हैं। चुनाव में तमाम भावनात्मक और धार्मिक बातों के अलावा भाजपा का चुनाव प्रचार मूल रूप से लाभार्थियों पर केंद्रित रहने वाला है। कई राज्यों के चुनाव में भाजपा को इसका लाभ मिल चुका है। इस पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत इसलिए भी है क्योंकि विपक्षी पार्टियां और उनके शासन ले राज्य भी अपने लाभार्थी अलग तैयार कर रहे हैं।