कांग्रेस पार्टी अपने बड़े नेताओं को लोकसभा का चुनाव लड़ाने की तैयारी कर रही है लेकिन उसकी मुश्किल यह है कि वह ज्यादातर राज्यों में सरकार से बाहर है। ऐसे में उन राज्यों के राज्यसभा सांसद अगर लोकसभा का चुनाव लड़ते हैं और जीत जाते हैं तो फिर राज्यसभा की सीट चली जाएगी। कांग्रेस अपने जिन नेताओं को लोकसभा का चुनाव लड़ाने की योजना बना रही है उनमें से ज्यादातर ऐसे राज्यों से हैं, जहां कांग्रेस की सरकार नहीं है। ध्यान रहे राज्यसभा सीटों के उपचुनाव में हमेशा अधिसूचना अलग अलग जारी होती है और सीट सत्तारूढ़ दल को जाती है। ऐसे में कांग्रेस के लिए बहुत मुश्किल हो जाएगी।
बताया जा रहा है कि हरियाणा से राज्यसभा सांसद दीपेंदर हुड्डा को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए कहा जा सकता है। पिछली बार वे रोहतक सीट पर पांच हजार वोट से हारे थे। अगर वे लोकसभा का चुनाव जीत जाते हैं तो उनकी राज्यसभा की सीट खाली होगी, जो भाजपा के खाते में चली जाएगी। इसी तरह हरियाणा के ही रणदीप सुरजेवाला को भी लड़ने को कहा जाता है तो वे राजस्थान के राज्यसभा सदस्य हैं। अगर वे जीत जाते हैं तो उनकी सीट भी भाजपा को चली जाएगी। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं। अगर वे लोकसभा चुनाव लड़ते हैं और जीत जाते हैं तो उनकी सीट भी भाजपा के खाते में चली जाएगी। केसी वेणुगोपाल को केरल से चुनाव लड़ाने की बात हो रही है। वे भी राजस्थान से लोकसभा सांसद हैं और अगर जीते तो उनकी सीट भी भाजपा को चली जाएगी। ऐसे ही छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन और महाराष्ट्र के राज्यसभा सदस्य इमरान प्रतापगढ़ी भी अगर लड़ते हैं तो जीतने पर कांग्रेस को राज्यसभा सीटों का नुकसान उठाना होगा।