गांधी परिवार के नेता दक्षिण भारत के राज्यों से चुनाव लड़ते रहे हैं। इंदिरा गांधी चिकमगलूर से लड़ी थीं, सोनिया गांधी बेल्लारी से चुनाव लड़ीं और राहुल गांधी वायनाड से अभी सांसद हैं। राहुल के पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 में केरल के वायनाड से चुनाव लड़ने का फायदा यह हुआ था कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने राज्य की 20 में से 19 लोकसभा सीट जीत लीं। हालांकि 2021 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नहीं जीत पाई। लेकिन उसके बाद कांग्रेस कर्नाटक और तेलंगाना में जीती है और सरकार बनाई है। तभी अब दक्षिण भारत के अलग अलग राज्यों से गांधी परिवार के सदस्यों को चुनाव लड़ने का न्योता मिल रहा है। कर्नाटक, केरल, तेलंगाना तीनों राज्यों से न्योता मिल रहा है।
पहले ऐसी खबर आई थी कि सोनिया गांधी अगले साल लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगी और उनकी रायबरेली सीट से प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव लड़ सकती हैं। सोनिया गांधी के बारे में खबर थी कि वे लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक से राज्यसभा में चली जाएंगी। अब तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कहा जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस ईकाई के नेता चाहते हैं कि वे तेलंगाना से चुनाव लड़ें। ध्यान रहे 2014 में सोनिया गांधी ने आंध्र प्रदेश का बंटवारा करके अलग तेलंगाना राज्य बनाने का फैसला किया था। इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस मुद्दे को भुनाया है। इसलिए पार्टी के नेता चाहते हैं वे तेलंगाना से लड़े। कांग्रेस कई नेताओं ने कहा है कि प्रियंका गांधी वाड्रा को कर्नाटक से चुनाव लड़ना चाहिए। और उधर कांग्रेस केरल ईकाई चाहती है कि राहुल गांधी हर हाल में इस बार भी वायनाड सीट से चुनाव लड़ें। दूसरी ओर उत्तर भारत में लगातार कमजोर हो रही कांग्रेस के नेता चाहते हैं कि परिवार उत्तर भारत के राज्यों पर ध्यान दे।