nayaindia Rajyasabha seat election राज्यसभा की जोड़-तोड़ में जुटे बड़े नेता

राज्यसभा की जोड़-तोड़ में जुटे बड़े नेता

अगले तीन-चार महीने में राज्यसभा की 68 सीटें खाली हो रही हैं, जिनमें भाजपा के सबसे ज्यादा 26 सांसद हैं। इसके बाद कांग्रेस के 11 सांसद रिटायर हो रहे हैं। आम आदमी पार्टी के तीन और सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के एक सांसद सबसे पहले रिटायर हो रहे हैं, जिनकी सीटों पर चुनाव की घोषणा हो गई है। आम आदमी पार्टी ने अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया है। राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल यू और बीजू जनता दल के दो-दो सांसद रिटायर हो रहे हैं तो समाजवादी पार्टी की सांसद जया बच्चन भी रिटायर हो रही हैं। ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के चार सांसद रिटायर हो रहे हैं। तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति के तीन, वाईएसआर कांग्रेस के एक, टीडीपी के एक, एनसीपी व उद्धव ठाकरे गुट की शिव सेना के एक-एक सांसद भी रिटायर हो रहे हैं। इनके अलावा सीपीआई, सीपीएम और केरल कांग्रेस एम के एक-एक सांसद रिटायर होंगे। उनकी सीट जुलाई में खाली होगी। उसी समय मनोनीत श्रेणी की चार सीटें भी खाली होंगी।

इस साल रिटायर हो रहे राज्यसभा सांसदों में कई बड़े नेता शामिल हैं, जैसे हिमाचल प्रदेश की एक सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रिटायर हो रहे हैं। अभी राज्य में कांग्रेस की सरकार बन गई है इसलिए पार्टी को उनके लिए किसी दूसरे राज्य में नई सीट खोजनी होगी। हालांकि यह नड्डा का सिरदर्द नहीं है। पार्टी आलाकमान उनके लिए कोई न कोई सीट खोज ही देगा। इसी तरह एक और बड़े नेता कांग्रेस के अभिषेक सिंघवी हैँ। पिछली बार वे पश्चिम बंगाल से राज्यसभा पहुंच गए थे। तब कांग्रेस के पास 40 से ज्यादा विधायक थे और ममता बनर्जी ने थोड़ी मदद कर दी थी। इस बार वहां कांग्रेस पार्टी जीरो पर है और ममता बनर्जी के साथ पार्टी की लड़ाई चल रही है। इसलिए सिंघवी का वहां से उच्च सदन में जाना संभव नहीं लगता है।

इसी तरह हाई प्रोफाइल केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की सीट भी खाली हो रही है। ओडिशा में ऐसी स्थिति नहीं है कि भाजपा उनको वहां से जीता सके। राज्य में तीन सीटें खाली हो रही हैं और एक सीट जीतने के लिए 37 वोट की जरुरत है। भाजपा के पास सिर्फ 22 सीटें हैं। इसलिए अश्विनी वैष्णव को नई सीट तलाशनी होगी। हालांकि उनको भी इसके लिए दिमाग लगाने की जरुरत नहीं है। पार्टी आलाकमान तय करेगा कि वे किसी दूसरे राज्य से खास कर अपने गृह राज्य राजस्थान से राज्यसभा में जाते हैं या ओडिशा की किसी सीट पर उनको लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए कहा जाता है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस साल रिटायर हो रहे हैं। हालांकि उनकी सेहत ऐसी अच्छी नहीं है। वे राज्यसभा में मतदान के लिए व्हील चेयर पर लाए गए थे। इसलिए कांग्रेस राजस्थान से उनकी जगह किसी और को राज्यसभा में भेजेगी। हो सकता है कि अभिषेक सिंघवी को उनके गृह प्रदेश राजस्थान से राज्यसभा में भेजा जाए।

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