राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

तेलंगाना में चुनाव आयोग का दोहरा रवैया

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर हर चुनाव के समय सवाल उठते रहते हैं। हर चुनाव में आयोग की ओर से कुछ न कुछ ऐसा किया जाता है, जिससे उसका दोहर रवैया सामने आता है। ताजा मामला तेलंगाना का है, जहां चुनाव आयोग ने राज्य सरकार की रैयतू बंधु योजना के तहत किसानों के खाते में जाने वाले पैसे को रुकवा दिया है। आयोग ने कहा है कि जब तक चुनाव आचार संहिता लगी हुई है तब तक राज्य सरकार किसानों के खाते में पैसा नहीं डाल सकती है। कहा जा रहा है कि राज्य के वित्त मंत्री टी हरीश राव ने कह दिया था कि अमुक तारीख को किसानों के खाते में पैसा जाएगा इस आधार पर कांग्रेस ने शिकायत की और आयोग ने उस पर कार्रवाई कर दी। इसी तरह चुनाव आयोग ने कर्नाटक सरकार से इस बात पर नाराजगी जताई है कि वह अपनी सरकार के कामकाज का विज्ञापन तेलंगाना के अखबार में क्यों छपवा रही है। आयोग ने इसे रूकवा दिया है और जवाब भी मांगा है।

सोचें, अभी 15 नवंबर को जिस दिन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का प्रचार बंद हुआ था और राजस्थान व तेलंगाना में प्रचार चल रहा था उस दिन केंद्र सरकार ने किसान सम्मान निधि के 18 हजार करोड़ रुपए जारी किए। देश के आठ करोड़ किसानों के खाते में 18 हजार करोड़ रुपए डाले गए। लेकिन आयोग ने उस पर रोक नहीं लगाई। इसके बारे में भी अखबारों में कई दिन से खबर छप रही थी कि 15 नवंबर को पैसे किसानों के खाते में जाएंगे। उस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड में थे और उन्होंने वहां से किसानों के खाते में पैसे डाले, विकसित भारत संकल्प यात्रा शुरू की, आदिवासी न्याय अभियान शुरू किया, भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और दिलचस्प बात यह है कि देश भर के अखबारों में इसका विज्ञापन भी छपा। लेकिन चुनाव आयोग को पैसे जारी होने से समस्या हुई और न विज्ञापन छपवाने से समस्या हुई।

Tags :
Published
Categorized as Election

By NI Political Desk

Get insights from the Nayaindia Political Desk, offering in-depth analysis, updates, and breaking news on Indian politics. From government policies to election coverage, we keep you informed on key political developments shaping the nation.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *